लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पिछले शुक्रवार को बिजनौर में हुई हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाकात करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के मंत्री ने

मारे गए दो मुस्लिम युवकों के परिजनों से मिलने से इंकार कर दिया। 

मंत्री कपिल देव अग्रवाल बिजनौर जिले के नहटौर कस्बे में हुई हिंसा में ज़ख्मी हुए ओमराज सैनी के परिवार से मुलाकात करने के लिए गए थे, और दोनों मौतें भी इसी कस्बे में हुई थीं।

ओमराज सैनी के परिवार से मिलने के बाद बिजनौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री कपिल देव अग्रवाल से पूछा गया, “सरकार कहती है, ‘सबका साथ, सबका विकास’, लेकिन नहटौर में आप ओमराज सैनी के घर गए… (कांग्रेस नेता) प्रियंका गांधी (वाड्रा) भी उनके परिवार से मिलने गई थीं, लेकिन वह उन परिवारों के पास भी गई थीं, जिनमें मौतें हुईं, और एक की मौत पुलिस की गोली से हुई… इस तरह ‘सबका साथ, सबका विकास’ कैसे होगा ?”

लेकिन मंत्री ने किसी भी तरह का भेदभाव करने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा, “मुझे दंगा करने वालों के घरों में क्यों जाना चाहिए… मेरी बात सुनिए, जो दंगा कर रहे हैं, जो भावनाओं को भड़काना चाहते हैं, वे समाज का हिस्सा कैसे हो सकते हैं… मुझे वहां क्यों जाना चाहिए… यह हिन्दू-मुस्लिम के बारे में नहीं है, लेकिन मुझे दंगाइयों के पास क्यों जाना चाहिए…”

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