नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान नेताओं के साथ शुक्रवार रात को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने वाले अज्ञात ‘मास्क मैन’ का चेहरा अब सबके सामने आ गया है। एक वायरल वीडियो में ‘मास्क मैन’ ने अपना नाम योगेश सिंह बताते हुए कहा है कि वह अपनी जान बचाने के लिए किसानों के द्वारा दी गई एक स्क्रिप्ट पढ़ रहा था। हालांकि, अभी पुलिस ने अभी वीडियो के बारे में कुछ नहीं बताया है।

वायरल वीडियो में अपना नाम योगेश सिंह निवासी सोनीपत बता रहे युवक ने किसानों पर प्रताड़ित कर झूठ बुलवाने का आरोप लगाया है। योगेश ने बताया कि 19 जनवरी को उसके मामा के बेटा हुआ था, इसके लिए वह डीटीसी बस से दिल्ली आया था, तब दिल्ली पुलिस ने उसे नरेला से आगे पैदल भेजा था। 

उसने बताया कि इस दौरान 19 तारीख की शाम साढ़े चार बजे जब मैं कुंडली एरिया में जा रहा था तब मैंने उनसे (किसानों) से यह झूठ बोला था कि वहां कोई लड़की छेड़ रहा है, हालांकि वहां कोई भी लड़की नहीं छेड़ रहा था। इसके बाद उन्होंने मुझे पकड़ लिया और कैम्प में ले जाकर पैंट उतारकर ट्रॉली में उल्टा लटका कर बेल्टों से काफी मारा-पीटा। 

अगले दिन उन्होंने मुझसे कहा कि हम जो कहेंगे तुझे वही करना होगा, जिसके लिए मैंने हां कर दिया। इसके बाद उन्होंने मुझे खाना खिलाया और रात को दारू भी पिलाई और मेरी वीडियो बनाई। अगले दिन उन्होंने मुझे वहां पर बिठाया और कहा कि जैसा हम कहेंगे वैसा ही तुझे बोलना है। योगेश ने बताया कि उसके साथ चार लड़के और पकड़े गए थे, जिनमें से एक का नाम सागर था और एक का नाम उसे पता नहीं है।

योगेश ने कहा कि सागर ने मुझसे कहा था कि उसने कुछ नहीं किया था फिर भी यह लोग उसे मार रहे हैं, इसके बाद किसी तरह सागर वहां से भाग गया था। फिर अगले दिन जब मैं उठा तो उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने सागर को मार दिया है। अगर तू छूटना चाहता है तो जैसा हम कहेंगे वैसा ही तुझे बोलना है। इसके बाद अगले दिन भी उन्होंने दारू पीकर मुझे बहुत मारा। इसके बाद उन्होंने दूसरे लड़के को भी मारा और कहा कि अगर तू ने यह नहीं बोला तो हम तुझे और मार देंगे। 

मैंने 112 नंबर पर भी कॉल भी मिलाई और कहा कि मुझे पुलिस के हवाले कर दो, लेकिन उन्होंने कहा कि हम तुझे किसी के हवाले नहीं करेंगे। हम अगर मारते हैं तो किसी को बताते भी नहीं हैं और मार-काट के फेंक देंगे और किसी को पता भी नहीं लगेगा।

उसने कहा कि उनके पास वो लड़के हैं जिनके खिलाफ पहले से कम्पलेंट भी हैं, और उन्होंने जिस लड़के को पाइपों से मारा है वह अधमरी हालत में है। उसे वहां से उठाकर ट्रॉली में रखकर ले गए हैं। 

योगेश ने कहा कि फिर एक रात वहां के दो-चार लड़कों ने दारू पिलाकर मुझे काफी मारा था। उन्होंने मुझसे कहा कि योगेश हम जैसा तुझसे कहेंगे, वैसा ही तुझे प्रेस के आगे बोलना है। इसके बाद मैंने एक स्टोरी बनाई कि राई थाने के एसएचओ प्रदीप ने मुझे ऐसा-ऐसा करने के लिए बोला कि मेरे 10 लड़के आएंगे और 26 तारीख के बाद तुझे वहां पर फायरिंग करनी है। इसके बाद मैंने यह सोचकर वह सब बोला कि अगर छूटना है तो झूठा का सहारा लेना ही होगा।  
 

मीडिया से बात करते हुए इस संदिग्ध आदमी ने कहा, ‘हमने 26 जनवरी को किसानों को ट्रैक्टर रैली के लिए आगे बढ़ने से रोकने की योजना बनाई थी और अगर वे नहीं रुकते तो हम पहले हवा में फायरिंग करते और हमारे दूसरे सहयोगी पीछे से गोली चलाते ताकि वहां मौजूद पुलिस वालों को यह लगता कि उनपर किसान गोली चला रहे हैं। हम 10 लोगों की टीम थे, जिनमें से 2 महिलाएं हैं।’

इसके बाद संदिग्ध ने कहा, ‘हमारी टीम को यहां दो जगहों पर हथियार दिए गए थे। 26 जनवरी के लिए हमने योजना बनाई थी कि टीम के आधे सदस्य पुलिस की वर्दी पहने रहेंगे ताकि किसानों के समूहों को तितर-बितर कर सकें। हमें उन चार लोगों की तस्वीरें भी दी गई थीं, जिन्हें गोली मारनी थी। हमें निर्देश देने वाला शख्स एक पुलिसवाला है।’

उसने आगे कहा, ‘हम पैसों के लिए काम कर रहे थे। अभी कुछ और लोग हैं जो इस योजना में शामिल थे और जिन्हें पकड़ना बाकी है। मैं यह निवेदन करूंगा कि हमारे परिवारवालों को इसकी खबर न हो। हमें माहौल खराब करने के लिए 10-10 हजार रुपये दिए गए थे।’

संदिग्ध ने इस बात पर जोर दिया कि 26 जनवरी को यहां माहौल बिगड़ने की 100 प्रतिशत आशंका है। उसने कहा, ‘मैंने यहां माहौल खराब करने आए बाकी लोगों की पहचान भी बता दी है। उन्होंने बूट, पगड़ी और जीन्स पहनी होगी। जो लोग 26 जनवरी को यहां बर्बादी मचाने आएंगे उन्होंने पुलिस की वर्दी पहनी होगी।’ बाद में इस शख्स को पुलिस के हवाले कर दिया गया।

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