जनसंख्या रजिस्टर अपडेट करने को कैबिनेट ने मंजूरी दी
नई दिल्ली । संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और NRC पर बवाल के बीच केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने के लिए मंगलवार को मंजूरी दे दी। कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनगणना का काम 6 महीने तक चलेगा। इसमें तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
जावड़ेकर ने कहा कि इसके लिए एप का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए कोई दस्तावेज देने की भी जरूरत नहीं। उन्होंने बताया कि दस्तावेज के अलावा इसमें बायोमीट्रिक की भी जरूरत नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो भी भारत में रहता है। उसकी गणना एक विशेष ऐप से होगी। सरकार ने इस फैसले से पहले कई मौकों पर कहा था कि जनगणना का काम पूरी तरह से डिजीटल होगा। सरकार ने कहा था कि इसके लिए किसी तरह के दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी।
गौरतलब है कि एनपीआर देश के स्वभाविक निवासियों की सूची है। इस संबंध में आंकड़ों को अद्यतन करने का काम 2015 में घर घर सर्वे के माध्यम से हुआ था। अद्यतन किये गए आंकड़ों के डिजिटलीकरण का काम पूरा हो गया है अब यह निर्णय किया गया है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का काम जनगणना 2021 के साथ असम को छोड़कर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किया जायेगा। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना एनपीआर का मुख्य लक्ष्य है।
छह महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को एनआरपी में पंजीकरण करना जरूरी होता है। बाहरी व्यक्ति भी अगर देश के किसी हिस्से में छह महीने से रह रहा है तो उसे भी एनपीआर में दर्ज होना है।