अब जल्‍द ही भारत में भी बच्‍चों के लिए भी कोरोना वैक्‍सीन का इस्‍तेमाल शुरू होने वाला है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस बात की पैरवी की है कि अब 12 से 15 साल के बच्‍चों को भी वैक्‍सीन लगाना शुरू कर देना चाहिए। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्‍स ने भी इस निर्णय को अपनी सहमति दी है।

हालांकि, बच्‍चों के लिए कोरोना वैक्‍सीन को मंजूरी मिलने के बाद पेरेंट्स के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बच्‍चों के लिए कोरोना वैक्‍सीन के इस्‍तेमाल को लेकर पेरेंट्स की कुछ शंकाओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।

​क्‍या बच्‍चों पर काम करेगी वैक्‍सीन

Pfizer-BioNTech द्वारा रिलीज किए गए डाटा में सामने आया है कि 12 से 15 साल के बच्‍चों पर भी कोविड-19 वैक्‍सीन काम कर रही है। यूएस में 12 से 15 साल के बच्‍चों पर किए गए क्‍लीनिकल ट्रायल में कोरोना के लक्षणों को रोकने में वैक्‍सीन को कारगर माना गया है। वैक्‍सीन के रिस्‍पॉन्‍स में इस उम्र के बच्‍चों में काफी एंटीबॉडी बने हैं और उनका इम्‍यून सिस्‍टम 16 से 25 साल की उम्र के लेागों की तरह ही मजबूत है।

​क्‍या वैक्‍सीन से नुकसान हो सकता है

Pfizer-BioNTech के क्‍लीनिकल ट्रायल में वैक्‍सीन के किसी भी तरह के गंभीर दुष्‍प्रभाव की बात सामने नहीं आई है। बुजुर्गों में भी बहुत कम ही एलर्जिक रिएक्‍शन देखे गए हैं। यदि किसी व्‍यक्‍ति को हाल ही में किसी वैक्‍सीन से एलर्जी हुई है, तो उसे अभी वैक्‍सीन नहीं लगवानी चाहिए।

अगर बच्‍चे को पहले कोई गंभीर एलर्जी रही है या उसे वैक्‍सीन लगवाने पर तुरंत कोई एलर्जी हो जाती है, तो वैक्‍सीन लगाने वाले वॉलंटियर को इस बारे में बताएं। वैक्‍सीन लगाने के बाद 30 मिनट तक बच्‍चे को मॉनिटर किया जाएगा।

​पेरेंट्स को वैक्‍सीन लगवाना काफी नहीं है

कई पेरेंट्स के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्‍या पेरेंट्स के वैक्‍सीन लगवाने के बाद बच्‍चों को भी टीका लगवाना जरूरी है। आपको बता दें कि वैक्‍सीन लगवाने के बाद आपके शरीर में कोरोना वायरस जिंदा नहीं रह सकता है इसलिए आपके इम्‍यून होने पर आपका बच्‍चा भी इस वायरस से इम्‍यून हो जाता है। वहीं वैक्‍सीन ले चुकी प्रेगनेंट और स्‍तनपान करवाने वाली महिलाओं से प्‍लेसेंटा और ब्रेस्‍ट मिल्‍क के जरिए इम्‍यूनिटी शिशु तक पहुंची है।

​रिस्‍क कम है फिर भी वैक्‍सीन लगवानी है

बच्‍चों में कोरोना के गंभीर लक्षण और मामले कम ही देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में पेरेंट्स सोच रहे हैं कि जब रिस्‍क कम है तो बच्‍चों को वैक्‍सीन लगवानी जरूरी है क्‍या?

आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर बच्‍चों पर हावी हो रही है और विशेषज्ञों का अनुमान है कि तीसरी लहर बच्‍चों के लिए सबसे ज्‍यादा खतरनाक साबित होगी। वहीं कोरोना की वजह से रिकवरी के बाद भी बच्‍चों में गंभीर परेशानियां पैदा हो रही हैं। इसलिए बच्‍चों के लिए भी कोरोना वैक्‍सीन लगवाना जरूरी हो गया है।

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