देश के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस नूथालपति वेंकट रमन को आज 24 अप्रैल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद की शपथ दिलाई। जस्टिस रमन देश के 48वें चीफ जस्टिस हैं। जस्टिस रमन राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में अंग्रेजी में शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर वाइस प्रेसिडेंट एम वेंकटेश नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद भी उपस्थित रहे। जस्टिस रमन ने जस्टिस एसए बोबडे के स्थान पर पदभार संभाला है। वह इस पद पर करीब 16 महीने तक रहेंगे।

आंध्र प्रदेश के एक कृषक परिवार में हुआ जन्म

जस्टिस रमन का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में एक कृषक परिवार में हुआ था। उन्होंने विज्ञान से स्नातक किया हुआ है और इसके बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई की। कानून से स्नातक करने के बाद उन्होंने वकील के रूप में 10 फरवरी 1983 को नामांकन करवाया।

जस्टिस रमम ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, सेंट्रल एंड आंध्र प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल्स और सिविल, क्रिमिनल, कांस्टिट्यूशनल, लेबर, सर्विस व इलेक्शन मामलों में सुप्रीमकोर्ट में प्रैक्टिस कर चुके हैं। उनकी विशेषज्ञता संवैधानिक, आपराधिक, सर्विस व इंटर-स्टेट रिवर लॉज में है। उन्हें 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के स्थाई जज के तौर पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर 10 मार्च 2013 से लेकर 20 मई 2013 तक कार्य किया।

16 महीने तक रहेंगे देश के चीफ जस्टिस

सितंबर 2013 में जस्टिस एनवी रमन को दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्त किया गया। फरवरी 2014 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर प्रोन्नत किया गया। अब वह सुप्रीम कोर्ट में 48वें चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यरत हैं। वह अपने पद से 26 अगस्त 2022 को रिटायर होंगे। इस प्रकार जस्टिस एनवी रमन देश के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर करीब 16 महीने तक कार्य करेंगे।

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