नई दिल्ली । 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम में जन्म लेने वाले राजनीति के अजातशत्रु प्रणव दा के निधन से एक महान युग का अवसान हो गया। उनके देहावसान से पूरे देश मे शोक की लहर है। शुरुआती पढ़ाई गृह जिले से करने वाले प्रणव मुखर्जी ने बाद में कोलकाता में राजनीतिक शास्त्र की शिक्षा ग्रहण की।

करीब 6 दशक तक के अपने राजनीतिक जीवन में प्रणब मुखर्जी ने हर वो मंत्रालय और पद संभाला है, जो राजनीतिक जीवन में काफी बड़ा माना जाता है। बस कसक इस बात की रही कि 1984 में श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद वह प्रधानमंत्री पद के प्रबलतम दावेदार थे लेकिन इन्दिरा जी का पुत्र होने को वजह से राजीव गांधी को पीएम बना दिया गया।

प्रणब मुखर्जी 1969 से पांच बार राज्यसभा के सांसद चुने गए, फिर 2004 में उन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा और लोकसभा सांसद भी चुने गए। इंदिरा गांधी की मदद से राजनीति में प्रवेश करने वाले प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के सबसे बड़े और भरोसेमंद चेहरा भी बने।

साल 1973 में प्रणब मुखर्जी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने, उसके बाद लगातार वो इंदिरा गांधी की सरकार, फिर राजीव गांधी की सरकार में मंत्री बनते रहे. 1980 में प्रणब मुखर्जी का राज्यसभा में कांग्रेस का नेता बना दिया गया और प्रधानमंत्री के बाद उनकी ही धमक पार्टी में दिखी।

साल 2012 में प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाया गया, वो 2017 तक इस पद पर रहे। इस दौरान शुरुआती साल में मनमोहन सिंह और अंतिम वर्षों में नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने काम किया। नरेंद्र मोदी और प्रणब मुखर्जी की जोड़ी हमेशा चर्चा में रही। अंत में मोदी सरकार ने ही उन्हें भारत रत्न से नवाजा. 2019 में जब प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिया गया।

प्रणव दा का 1918 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय का दौरा कांग्रेस और वामपंथियो को नागवार गुजरा था। लेकिन इससे बेपरवाह उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संघ के सेवा कार्यों की सराहना की।

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई दिग्गजों की श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया। पीएम मोदी ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश दुखी है, वह एक स्टेट्समैन थे. जिन्होंने राजनीतिक क्षेत्र और सामाजिक क्षेत्र के हर तबके की सेवा की है। प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में योगदान दिया. वह एक शानदार सांसद थे, जो हमेशा पूरी तैयारी के साथ जवाब देते थे।।

During his political career that spanned decades, Shri Pranab Mukherjee made long-lasting contributions in key economic and strategic ministries. He was an outstanding Parliamentarian, always well-prepared, extremely articulate as well as witty.

— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2020

 
प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। रामनाथ कोविंद ने ट्वीट में लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उनका जाना एक युग का अंत है। प्रणब मुखर्जी ने देश की सेवा की, आज उनके जाने पर पूरा देश दुखी है।।

असाधारण विवेक के धनी, भारत रत्न श्री मुखर्जी के व्यक्तित्व में परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम था। 5 दशक के अपने शानदार सार्वजनिक जीवन में, अनेक उच्च पदों पर आसीन रहते हुए भी वे सदैव जमीन से जुड़े रहे। अपने सौम्य और मिलनसार स्वभाव के कारण राजनीतिक क्षेत्र में वे सर्वप्रिय थे।

— President of India (@rashtrapatibhvn) August 31, 2020

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि प्रणब मुखर्जी को देश के हर तबके का सम्मान प्राप्त था। उनका निधन एक निजी क्षति है, जिनके पास सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र का ज्ञान था. राजनाथ सिंह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी का जीवन बेहद साधारण था, इसी तरह उन्होंने देश की सेवा की।

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी एक शानदार नेता थे, जिन्होंने देश की सेवा की. प्रणब जी का राजनीतिक करियर पूरे देश के लिए गर्व की बात है। अमित शाह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन में देश की सेवा की, उनके निधन के बाद देश के सार्वजनिक जीवन को बड़ी क्षति हुई है।

Pranab Da’s life will always be cherished for his impeccable service and indelible contribution to our motherland. His demise has left a huge void in Indian polity. My sincerest condolences are with his family and followers on this irreparable loss. Om Shanti Shanti Shanti

— Amit Shah (@AmitShah) August 31, 2020