नई दिल्ली। अर्नब गोस्वामी को तत्काल रिहा करने का सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है। दो सदस्यीय पीठ ने दोनो पक्षो की दलील सुनने के बाद रायगढ पुलिस को अर्नब को रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्नब को शाम सवा चार बजे के आसपासअंतरिम जमानत दे दी।

इस आदेश की संभावना तो तभी बन गयी थी जब बुधवार को पत्रकार अर्नब गोस्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाए और कहा था कि इस तरह से किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत आजादी पर बंदिश लगाया जाना न्याय का मखौल होगा।

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि क्या गोस्वामी को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की कोई जरूरत थी क्योंकि यह व्यक्तिगत आजादी से संबंधित मामला है।

पीठ ने टिप्पणी की कि भारतीय लोकतंत्र में असाधारण सहनशक्ति है और सरकार को इन सबको नजरअंदाज करना चाहिए। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘उनकी जो भी विचारधारा हो, विचारधारा में मतभेद हो सकते हैं और अगर विचारधारा अलग तो चैनल न देखें। लेकिन अगर संवैधानिक न्यायालय आज इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा तो हम निर्विवाद रूप से बर्बादी की ओर बढ़ रहे होंगे।’’

पीठ ने कहा कि सवाल यह है कि क्या आप इन आरोपों के कारण व्यक्ति को उसकी व्यक्तिगत आजादी से वंचित कर देंगे।

गोस्वामी ने बंबई उच्च न्यायालय के नौ नवंबर के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें और दो अन्य को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया था और उन्हें राहत के लिये निचली अदालत जाने का निर्देश दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को 50000 के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत देते हुए तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। पुलिस कमिश्नर को तत्काल आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कनने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हाईकोर्ट का अंतरिम जमानत की मांग ठुकराना गलत था।

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