नई दिल्ली। जहांगीरपुरी हिंसा के मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच अंदेशा जता रही कि हिंसा में शामिल कई आरोपी बांग्लादेश फरार हो चुके हैं। हिंसा के दौरान सक्रिय रहे कई मोबाइल नंबर बंद हैं। गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल की लोकेशन भी ब्लाक ही आई है। जो मोबाइल नंबर बंद हैं उनमें से अधिकतर आरोपियों के बांग्लादेश फरार हो जाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, क्राइम ब्रांच की तीन सदस्यीय टीम अभी भी बंगाल में आरोपियों के जानकारों और रिश्तेदारों से पूछताछ कर संदिग्धों के बारे में जानकारी जुटा रही है।

नौ आरोपियों की भूमिका आई सामने

वहीं गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में नौ आरोपियों की हिंसा में सक्रिय भूमिका सामने आई है। इनमें मुख्य आरोपित अंसार, सलीम चिकना, शेख अहमद, अकसर, अहीर, मुहम्मद अली, गुलाम रसूल उर्फ गुल्ली, दिलशाद और एक नाबालिग है। जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने हिंसा से जुड़े 300 से अधिक वीडियो को कब्जे में लिया है। इसकी बारीकी से जांच की जा रही है। इसमें कुछ वीडियो इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों के हैं तो कुछ लोगों के मोबाइल द्वारा ली गई है। अभी तक मामले में 200 से अधिक लोगों से पूछताछ हो चुकी है।

वायरल वीडियो को खंगालने में जुटी है क्राइम ब्रांच की टीम

क्राइम ब्रांच की एक टीम इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो को भी खंगालने में जुटी हुई है। इसके जरिये एक तरफ जहां हिंसा के आरोपियों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है तो वहीं घटना के गवाहों को भी चिह्नित किया जा रहा है। क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक, अंसार से पूछताछ में यह भी पता चला कि हिंसा के दौरान इलाके के कुख्यात बदमाश भी शामिल हो सकते हैं। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने 20 बदमाशों को चिह्नित किया है। ये सभी बदमाश अभी फरार चल रहे हैं।

आइपीडीआर की भी मदद ले रही पुलिस

अब पुलिस इंटरनेट प्रोटोकाल डिटेल रिकार्ड (आइपीडीआर) के जरिए पता लगा रही है कि जिस दिन हिंसा हुई उस दिन कितने फोन इलाके में लगे मोबाइल टावर से इंटरनेट के जरिए सक्रिय थे। आइपीडीआर की मदद पुलिस इसलिए भी ले रही है, क्योंकि कई बार अपराधी अपराध के दौरान सामान्य काल न करके, इंटरनेट काल करते हैं। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हिंसा वाले दिन इलाके में ज्यादा फोन सक्रिय थे, ताकि पता चल सके कि रोज के मुताबिक क्या उस दिन बाहर से भी लोग आए थे और उनकी भूमिका क्या थी ?