नई दिल्ली (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की गिरफ्तारी से राहत देने की याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। अपनी याचिका में संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश सरकार राजनीतिक बदले की भावना से उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश में राजद्रोह सहित विभिन्न आरोपों के तहत दर्ज एफआईआर के मामले में गिरफ्तारी से राहत देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते याचिका पर सुनवाई होनी है।
जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार कर दिया है। उनके खिलाफ लखनऊ में पिछले साल 12 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद दर्ज एफआईआर पर एक गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि यूपी सरकार समाज के एक निश्चित वर्ग की पक्षधर थी। ‘आप’ नेता संजय सिंह के खिलाफ यूपी में दर्ज आपराधिक मामलों को खारिज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई अगले हफ्ते तक के लिए टल गई है।
Supreme Court refuses to pass any order on AAP Rajya Sabha MP, Sanjay Singh’s plea seeking protection from arrest, in connection with FIRs registered against him under various charges, including sedition, in Uttar Pradesh.
Supreme Court to hear the plea next week.
— ANI (@ANI) February 2, 2021
AAP नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ दर्ज की गई कई एफआईआर को रद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें कहा गया है कि राजनीतिक बदले की दुर्भावना से उनके खिलाफ ये मामले दर्ज किए गए हैं।
एक अलग याचिका में, संजय सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 21 जनवरी के आदेश को भी चुनौती दी है जिसमें कोर्ट ने लखनऊ में दर्ज एफआईआर को रद करने से इनकार कर दिया था।
जस्टिस अशोक भूषण और आर.एस. रेड्डी की बेंच के समक्ष मंगलवार को सुनवाई के लिए आए मामल में कहा गया कि वह हाईकोर्ट के फैसले के बिना किसी भी आदेश को पारित नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा और वकील सुमेर सोढ़ी को हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी पेश करने को कहा। जब वकील विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि लखनऊ में दर्ज एफआईआर के मामले में जारी गैर जमानती वारंट से संजय सिंह को सुरक्षा दी जानी चाहिए तो बेंच ने कहा कि वह ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होने से छूट मांग सकते हैं।