नई दिल्ली। एन वी रमना , जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की स्पेशल बेंच ने सुनवाई टाल दी। बेंच लंच के बाद नही बैठेगी।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और पूर्व सैन्य अधिकारी समेत याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट कर रहा है सुनवाई।
15 जुलाई 2021 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इसे भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला औपनिवेशिक कानून करार देते हुए केंद्र सरकार से सवाल किया था।
अदालत ने कहा था कि इस कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है।
कोर्ट ने कहा था कि राजद्रोह कानून एक औपनिवेशिक कानून है और इसका इस्तेमाल अंग्रेजों द्वारा और हमारी आजादी का गला घोंटने के लिए किया गया था।
इसका इस्तेमाल महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक के खिलाफ किया गया था।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने प्रावधान की वैधता का बचाव करते हुए कहा कि कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ दिशानिर्देश बनाए जा सकते हैं।