बिहार सरकार में पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी के एक बयान को लेकर राज्य में सियासी पारा चढ़ गया है. हालांकि, सहनी चार घंटे बाद ही अपने इस बयान का डैमेज कंट्रोल करने में जुट गए.
उत्तर प्रदेश में सियासी जनाधार बढ़ाने की जुगत में लगे मुकेश सहनी ने वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चेताया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्हें उत्तर प्रदेश में घुसने से रोका गया, उसी तरह से वे भी यूपी के नेताओं को बिहार में घुसने से रोक सकते हैं. लेकिन हम नीतीश जी की सरकार को बदनाम नहीं करना चाहते, इसलिए ऐसा नहीं कर रहे हैं.
पटना स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक जाति विशेष के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा की फूलन देवी के शहादत दिवस के मौके पर जो कुछ हमारे और हमारी पार्टी के साथ यूपी में हुआ, उसमें प्रधानमंत्री जी के सबका साथ सबका विकास की झलक नहीं दिखी.
उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश के नेतृत्व में सरकार अच्छे तरीके से चल रही है. मेरी नाराजगी एक दो मुद्दे पर है. बाकी मैं एनडीए के साथ मजबूती से खड़ा हूं. वहीं इस्तीफा देने के सवाल पर मुकेश साहनी ने कहा कि मैं इस्तीफा किसको दूंगा? यह हम लोगों की सरकार है और अपने पांव पर हम खुद कुल्हाड़ी कैसे मारेंगे? मुकेश सहनी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनने जा रही है.
उन्होंने कहा योगी आदित्यनाथ एक व्यक्ति से डर गये. उन्हें एक व्यक्ति से लॉ एंड आर्डर बिगड़ने का खतरा हो गया. योगी आदित्यनाथ कैसी सरकार चला रहे हैं तो उन्हें इतना डर लगता है. कैसी सरकार के मुखिया हैं वे. मुकेश सहनी ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के 18 मंडल में फूलन देवी की प्रतिमा लगाने गये थे. उससे समाज जितना यूनाइटेड होता उससे ज्यादा यूनाइटेड योगी आदित्यनाथ ने कर दिया.
पूरे देश में फूलन देवी को मानने वाले लोग यूनाइटेड हो गये हैं. मुकेश सहनी ने कहा कि सन ऑफ मल्लाह का डर यूपी सरकार में दिखा. वाराणसी में योगी सरकार ने हमें रोकने के लिए 5000 पुलिस की तैनाती की. हमारे कार्यकर्ताओं को रोका गया. उन्होंने कहा कि योगी सरकार का यह डर मुझे अच्छा लगा. हम आने वाले दिनों में झारखंड और यूपी में मजबूती से चुनाव लड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि योगी जी पीएम के बात का नहीं पालन करते हैं. उन्हें एक जाति के विकास से बाहर आना होगा. मुकेश साहनी ने आगे कहा कि अगर मेरे जाने से वहां की कानून व्यवस्था भंग होती है, तो योगी जी मुख्यमंत्री क्यों बने बैठे हैं? योगी जी अगर कानून व्यवस्था सही नहीं कर सकते हैं और लोगों को सुरक्षा नहीं दे सकते हैं तो इसपर सोचा जाना चाहिए.
मुकेश सहनी ने कहा कि 2008 में उत्तर प्रदेश में किसी की मूर्ति लगाने पर रोक लगा दिया गया था. लेकिन हम निजी जमीन पर मूर्ति लगा रहे थे. अगर मूर्ति लगाने में बाधा थी तो हमने सिर्फ माल्यार्पण करने की अनुमति मांगी थी लेकिन उसकी भी अनुमति नहीं दी गयी. मुकेश सहनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निषाद समाज की आबादी 16 प्रतिशत है. इसमें पिछड़ी जातियों का भी वोट जुड़ेगा.
वहां की सरकार को लग रहा है कि ये वोट मुकेश सहनी को जा रहा है. इसलिए योगी आदित्यनाथ को डर लगा. मुकेश सहनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले चुनाव में उनके कई विधायक जीतेंगे. आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में वीआईपी पार्टी की सरकार बनेगी. एनडीए की बैठक को बहिष्कार करने के सवाल पर मुकेश साहनी ने कहा कि यहां पर चार दलों की सरकार है, लेकिन देखा जाता है कि दो ही दलों की बात सरकार में चल रही है. ऐसे में मैं कैसे बैठक में जाता.
उन्होंने आगे कहा कि सबको इसपर बैठकर बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हर हफ्ते 10 दिन पर एनडीए की एक समन्वय बैठक होनी चाहिए ताकि 19 लाख रोजगार सहित जनता से किए अन्य वादे पूरे किए जा सकें. सहनी ने साफ किया कि वह एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे और सरकार पूरे 5 साल चलेगी.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में अपना सियासी आधार बढ़ाने की कवायद में लगे मुकेश सहनी को रविवार को योगी सरकार ने करारा झटका दिया था. मुकेश सहनी की निगाहें उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव पर लगी है. उन्होंने उत्तर प्रदेश में फूलन देवी की प्रतिमा स्थापित करने का एलान किया था. रविवार को प्रतिमा का अनावरण करना था.
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुकेश सहनी रविवार को वाराणसी पहुंचे तो उन्हें एयरपोर्ट से बाहर निकलने की भी इजाजत यूपी पुलिस ने नहीं दी. मुकेश सहनी को एयरपोर्ट के लाउंज में ही रोक लिया गया और फिर वहीं से वापस भेज दिया गया. उत्तर प्रदेश प्रशासन ने प्रतिमा स्थापित करने की इजाजत नहीं दी. वहां बने चबूतरे को तोड़ दिया और रोड पर लगाये गये बैनर-पोस्टर को फाड़ दिया.