पिछले कई दशकों से उत्तर बंगाल को पृथक राज्य बनाने की मांग एक बार फिर सुर्खियों में है। गोरखालैंड को अलग से केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग फिर से शुरू हो गई है। अलीपुरद्वार से भाजपा सांसद जॉन बार्ला ने बंगाल को विभाजित करने की मांग की है। हालांकि, गोरखालैंड आंदोलन का नेतृत्व करने वाले कई जातीय समूह ने भाजपा सासंद की मांग को खारिज किया है। वहीं गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने जीटीए के क्रियाकलापों पर चिंता व्यक्त की है। राज्पाल धनखड़ ने कहा कि जीटीए का काम सही तरीके से नहीं चल रहा है। जीटीए आज भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। जीटीए की जांच जरूरी हो गई है।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि सीएजी से जीटीए का ऑडिट कराने की मांग करूंगा। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि 2017 के बाद से अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं।