कोरोना संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे है। ऐसे में कई लोग अपने घरों की ओर वापस जा रहे है। अगर यात्रा से पहले या फिर यात्रा के दौरान आपका ट्रेन टिकट गुम या फिर चोरी हो जाए तो टेंशन लेने की जरुरत नहीं है। इन सभी के लिए रेलवे ने नियम बनाए है। आइए जानें उनके बारे में…

डुप्लीकेट टिकट के नियम

रेलवे की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर आपने रेल यात्रा के लिए ई-टिकट लिया है और ट्रेन में बैठने के बाद आपको पता लगा कि टिकट खो गया है तो आप टिकट चेकर (टीटीई) को 50 रुपये पेनाल्टी देकर अपना टिकट हासिल कर सकते हैं।

डुप्लीकेट टिकट लेने के लिए आपको अपने आईडी प्रूफ की भी जरूरत पड़ सकती है। डुप्लीकेट टिकट प्राप्त करने के लिए आपसे आईडी प्रूफ मांगा जाएगा। इसके अलावा, टिकट काउंटर पर आपसे आपकी पहचान से संबंधित कुछ जरूरी सवाल भी पूछे जाएंगे, जिसका आपको जवाब देना होगा।

डुप्लीकेट टिकट पाने के लिए आप रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर टिकट खो जाने के संबंध में एक लेटर भी दे सकते हैं। इसके बाद आपको डुप्लीकेट टिकट दे दिया जाएगा। बता दें कि डुप्लीकेट टिकट लेने के लिए आपको कुछ चार्जेज भी सकता है।

इसके अलावा स्टेशन से डुप्लीकेट टिकट जारी भी कराया जा सकता है। अगर खोई, गायब, फटी अथवा मुड़ी-तुड़ी टिकट की स्थिति आरक्षित अथवा आरएसी थी, तो आरक्षण चार्ट तैयार होने से पहले डुप्लीकेट टिकट की मांग की जा सकती है, स्टेशन मास्टर प्रति यात्री उसके लिए चार्जेस वसूलेंगे। इसके बाद मूल टिकट के बदले एक डुप्लीकेट टिकट जारी कर दिया जाएगा।

अगर रिजर्वेशन चार्ट तैयार होने के बाद गुम अथवा कोई टिकट के बदले डुप्लीकेट टिकट की मांग की जाती है तो कुल किराये की 50 फीसदी के बराबर राशि की अदायगी पर डुप्लीकेट टिकट जारी की जा सकती है। आरक्षण चार्ट तैयार होने के बाद आरएसी टिकटों के बदले डुप्लीकेट टिकट जारी नहीं की जाएंगी।

अगर रिजर्वेशन चार्ट तैयार होने के बाद फटी अथवा मुड़ी-तुड़ी आरक्षित या आरएसी टिकट के बदले डुप्लीकेट टिकट की मांग की जाती है तो कुल किराये की 25 फीसदी के बराबर रकम की अदायगी पर डुप्लीकेट टिकट जारी की जा सकती है।

रिजर्वेशन काउंटर से लिए गए टिकट को डिजिटल फॉर्म में दिखाना मान्य नहीं होता है। यदि आपने ऑफलाइन टिकट लिया है तो आपको ओरिजिन टिकट ही दिखाना पड़ेगा। ऑफलाइन टिकट का प्रिंट आउट दिखाने पर आपको ट्रेन में जगह नहीं दी जाएगी। साथ ही साथ भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

डुप्लीकेट टिकट लेने के लिए पीएनआर नंबर याद रखना बेहद जरूरी है। यदि आप पीएनआर नंबर याद नहीं रख पाते हैं तो ऐसे मामले में आपको डुप्लीकेट टिकट नहीं मिल सकेगा। बता दें कि पीएनआर नंबर के जरिए ट्रेन में आपकी सीट की पहचान की जाती है. टिकट बुकिंग कराने के बाद हर यात्री को पीएनआर नंबर दिया जाता है।

अगर पुरानी टिकट मिल जाती है तो क्या पैसा वापस किया जाएगा

जहां डुप्लीकेट टिकट जारी होने के बाद गुम हुई अथवा गायब टिकटें मिल जाती हैं, और गाड़ी के प्रस्थान से पहले उन्हें डुप्लीकेट टिकट के साथ प्रस्तुत किया जाता है तो डुप्लीकेट टिकटें जारी होने के बाद उनके लिए वसूली गई राशि रिफंड नहीं की जाएगी।

डुप्लीकेट टिकट जारी करने के लिए ली गई राशि में से 5 फीसदी राशि, जो न्यूनतम बीस रुपए होगी, काटकर शेष राशि लौटाई जाएगी। अगर यात्रा नहीं की जाती है, तो मूल टिकट पर कैंसिल रिफंड नियमों में निर्धारित राशि के अनुसार लिया जाएगा।

अगर किसी यात्री ने अपनी आरक्षित अथवा आरएसी टिकट गुम होने, कटने-फटने अथवा मुड़-तुड़ जाने पर गाड़ी में अधिक राशि का भुगतान किया हो, तो वह उक्त प्रभार राशि की वापसी के लिए संबंधित रेल प्रशासन के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (वापसी) को आवेदन भेज सकता है।

अगर आपको किसी कारणवश तय स्टेशन से आगे की यात्रा जारी करनी है तो आपके टिकट को अगले स्टेशन तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए अलग से मामूली शुल्क का भुगतान करना होगा। अगर आपकी ट्रेन छूट गई है तो उसे यात्रा समय के भीतर टिकट खिड़की पर वापस करके टिकट के मूल्य का कुछ हिस्सा रिफंड भी करा सकते हैं।

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