लखनऊ। उच्च न्यायालय लखनऊ के एडवोकेट व सामाजिक कार्यकर्ता इंद्र प्रताप सिंह ने उ़0प्र0 के माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों की नौकरियों पर माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले से गहराये संकट पर सरकार को अध्यादेश लाकर उन्हें विनियमित करने के लिए आवाज बुलंद की है
यूपी में माध्यमिक शिक्षा में 2000 के बाद मैनेजमेंट कोटे से नियुक्त सभी शिक्षकों की भर्ती माननीय सुप्रीम कोर्ट ने रद कर दी है। कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग में मैनेजमेंट कोटे से नियुक्ति पर बड़ा फैसला सुनाया है। इससे संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए आज वर्ष 2000 के बाद से अब तक मैनेजमेंट कोटे से नियुक्त हुए सभी शिक्षकों की नियुक्ति रद कर दी गयी है।
फिलहाल इतनी राहत
अब इन शिक्षकों को परीक्षा देनी होगी। हालांकि कोर्ट ने इस कोटे से नौकरी पाए शिक्षकों को राहत देने का विकल्प सरकार को दिया है। यानी सरकार अब पहले से नियुक्त लोगों को उम्र और मेरिट में छूट दे सकती है। वहीं इस प्रकिया में जब तक भर्ती नहीं पूरी हो जाती तब तक उन्हे वेतन दिया जाएगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्पेशल पावर का इस्तेमाल करते हुए ये फैसला सुनाया है। देश की सर्वोच्च अदालत को मिला स्पेशल पावर एक संवैधानिक शक्ति है, जिसे निरस्त नहीं किया जा सकता है |
देश में शिक्षकों की योग्यता को लेकर अक्सर सवाल उठते रहें हैं। मैनेजमेंट कोटे से हुई नियुक्तियों पर लंबे समय से विवाद चला आ रहा था।