पर्यटन स्थल वाले रेल मार्गों पर ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाए जाएंगे

नई दिल्ली (एजेंसी)। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा पर जोर देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पर्यटन स्थल वाले रेल मार्गों पर ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाए जाएंगे। कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में तैयार किए जाने वाले एलएचबी कोच यात्रा के लिए आरामदायक होते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में रेल सुरक्षा को लेकर किए गए उपायों के बेहतर नतीजे सामने आए हैं। इन प्रयासों को और तेज करते हुए व्यस्त रेल मार्गो पर मानवीय गलतियों के चलते ट्रेनों की टक्कर को रोकने के लिए स्वदेशी स्वचालित ट्रेन संरक्षा प्रणाली मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि दिसंबर, 2023 तक सभी बड़ी लाइनों के विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा। 

बजट में रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1.10 लाख करोड़ का आवंटन

निर्मला सीतारमण ने आम बजट में रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1.10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इसमें से 1.07 लाख करोड़ पूंजीगत व्यय के लिए होगा। वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि रेलवे माल ढुलाई के लिए बनाए जा रहे विशेष गलियारों यानी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के चालू होने के बाद उसका मुद्रीकरण करेगी। वित्तमंत्री ने कोरोना वायरस के चलते देश में लागू लॉकडाउन के दौरान एक कोने से दूसरे कोने तक आवश्यक सामान की ढुलाई के लिए रेलवे की सराहना भी की। उन्होंने कहा, ‘मैं रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1,10,055 करोड़ रुपये की घोषणा कर रही हूं, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये सिर्फ पूंजीगत व्यय के लिए है।’

ढुलाई लागत कम कर ‘मेक इन इंडिया’ को सक्षम बनाने के लिए रेलवे ने बनाई राष्ट्रीय योजना

सीतारमण ने कहा कि भारतीय रेलवे ने एक राष्ट्रीय रेल योजना 2030 तैयार की है। यह योजना 2030 तक भविष्य के लिए तैयार रेलवे प्रणाली बनाने की है, जिसके मूल में उद्योग के लिए ढुलाई लागत कम करके मेक इन इंडिया की रणनीति को सक्षम बनाना है। वित्तमंत्री ने कहा कि यह अनुमान लगाया गया है कि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) पर जून, 2022 तक रेल परिचालन शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि ईडीएफसी पर 263 किलोमीटर के सोननगर-गोमो खंड को इस साल ही पीपीपी (सार्वजनिक-निजीसाझेदारी) मोड में लिया जाएगा। 274.3 किलोमीटर के गोमो-दानकुईं खंड को भी जल्द ही पीपीपी मोड में लिया जाएगा। वित्तमंत्री ने कहा कि रेलवे भविष्य में और भी कई डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजनाएं शुरू करेगी। इसमें खड़गपुर से विजयवाड़ा तक ईस्ट कोस्ट कॉरिडोर, भुसावल-खड़गपुर-दानकुईं तक ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और इटारसी से विजयवाड़ा तक नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर शामिल है। 

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