नई दिल्ली । किसान आंदोलन की आड़ में भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा वाले क्रालाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बेंगलुरु से 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि एक्टिविस्ट दिशा रवि ने ही किसान आंदोलन से जुड़ी टूलकिट को एडिट किया था और उसे आगे भेजा था। बता दें कि दिल्ली पुलिस गणतंत्र दिवस पर हुई लाल किले हिंसा के साथ-साथ टूलकिट मामले की भी जांच कर रही है। 

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस ‘टूलकिट’ का मकसद भारत सरकार के खिलाफ साजिश रचना था। केस केवल ‘टूलकिट’ के क्रिएटर्स के खिलाफ दर्ज की गई है। इस मामले को लेकर आपराधिक साजिश, राजद्रोह और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस की साइबर इस मामले की जांच कर रही है।

दरअसल, दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की जांच के दौरान ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ‘टूलकिट’ को अपलोड करने की बात का खुलासा हुआ था, जिसे बाद में उन्होंने डिलीट कर दिया था। पुलिस को शक है कि ग्रेटा थनबर्ग ने जो टूलकिट डॉक्यूमेंट ट्वीट करने के बाद उसे डिलीट किया था, वो पोएटिक फॉर जस्टिस ग्रुप द्वारा तैयार किया गया होगा। हिंसा को लेकर ट्विटर पर माहौल बिगाड़ने के लिए पूरी ‘टूलकिट’ अपलोड की गई थी। यह ‘टूलकिट’ गूगल डॉक्यूमेंट में बनाई गई थी। चूंकि ‘टूलकिट’ के अंदर कुछ इंस्टाग्राम प्रोफाइल, ट्विटर अकाउंट और ईमेल आईडी भी दिए गए थे, इसलिए दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इन बसके बारे में और इनके डोमेन आईडी भी गूगल से मांगे हैं। दिल्ली पुलिस ‘टूलकिट’ की तफ्तीश कर रही है। साइबर सेल यह पता लगाने का प्रयास कर रही है इस किट को क्रिएट व अपलोड करने वाला कौन है। 

इस डॉक्यूमेंट में एक एक्शन प्लान के बारे में बताया गया है जिसमें यह कहा गया कि 26 जनवरी और उसके आसपास डिजिटल स्ट्राइक करना है। एक ट्वीट कर यह जानकारी सोशल मीडिया के जरिये देना है कि 23 जनवरी को फिजिकल एक्शन करना है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली और 2 मार्च को जो एक अन्य कार्यक्रम किसानों की तरफ से निर्धारित किया गया था, उसको ज्वाइन करना है। इसके लिए इस ‘टूलकिट’ को वॉच करना है कि कैसे दिल्ली में प्रवेश करना है और कैसे वापस बॉर्डर पर जाना है। इसके लिए लोगों को इस ‘टूलकिट’ के माध्यम से बताया गया था, जिसे अपलोड कर इस प्लान की पूरी जानकारी लेने को कहा गया था। हालांकि बाद में इसे डिलीट भी कर दिया गया था।

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