यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि राज्य में मौजूद कोविड के मरीज जो कि होम आइसोलेशन में रह रहे हैं उन्हें घर ही ऑक्सीजन की पहुंचाई जाएगी। इन मरीजों को ऑन डिमांड ऑक्सीजन मिलेगी साथ ही ये सुविधा गंभीर बीमारी से जूझ रहे नॉन कोविड मरीजों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। उधर उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान 26780 नए कोविड केस सामने आए है जबकि 353 लोगों की इससे मौत हो गई है। योगी सरकार ने कोविड के खिलाफ फ्रंट लाइन पर काम कर रहे डॉक्टरों, नर्सों, पैरा मेडिकल और सफाईकर्मियों को 25 फीसदी इंसेंटिव देने का आदेश भी जारी कर दिया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को ने बताया कि यूपी में इस वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 14504 हो गई है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में 26780 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं, इसी दौरान 28902 मरीज ठीक होकर अपने घरों को लौट गए हैं। राज्य में फिलहाल 259844 कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। सीएम योगी ने गुरुवार को टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक में होम आइसोलेशन वाले मरीजों को घर पर ऑक्सीजन पहुंचाने से जुड़ी योजना पर मुहर लगाई।

ऐसे मिलेगी घर बैठे ऑक्सीजन

बता दें कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को डॉक्टर का पर्चा और आधार कार्ड दिखाने के बाद ऑक्सीजन मुहैया कराई जाएगी। डॉक्टर के प्रस्क्रिप्शन में ये बात शामिल होनी चाहिए कि मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है। इसके अलावा गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी डॉक्टर के पर्चे के आधार पर ये सुविधा दी जाएगी।

बैठक में सीएम योगी ने आगामी चुनौतियों के मद्देनज़र बेड, मैनपॉवर, चिकित्सकीय उपकरण, ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता पर गंभीरता से काम करने के निर्देश जारी किए और इसके लिए सचिव स्तर के अधिकारियों की तैनाती भी की है। सीएम ने कहा कि जिलों की जरूरतों के अनुसार और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे जाएं। भारत सरकार ने प्रदेश को 400 मीट्रिक टन के टैंकर दिए हैं। क्रायोजेनिक टैंकरों के संबंध में ग्लोबल टेंडर करने की कार्यवाही की जाए और चीनी मिलों द्वारा बनाई जा रही ऑक्सीजन की समीपस्थ सीएचसी को सीधे आपूर्ति उपलब्ध कराई जाए।

डॉक्टर-नर्स और पैरामेडिकल को इंसेंटिव की घोषणा

यूपी सरकार ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज में जुटे चिकित्सकों, कार्मिकों, मेडिकल और नर्सिंग छात्र-छात्राओं को इंसेंटिव और प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया है। डॉक्टर नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों को उनके मूल वेतन पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त इंसेंटिव दिया जाएगा। एमबीबीएस इंटर्न, एमएससी नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग, एमबीबीएस अन्तिम वर्ष और जीएनएम छात्र-छात्राओं को कोविड वार्ड में ड्यूटी करने पर मानदेय दिया जाएगा।

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग आलोक कुमार ने बताया कि कोविड मरीजों के इलाज के लिए रिटायर चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ भी मानदेय पर रखे जाएंगे। कैबिनेट से इस फैसले की स्वीकृति मिल गई है। कोविड अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों, नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों को चाहे वह नियमित रूप से नियुक्त हों या आउटसोर्सिंग के आधार पर उनकी नियुक्ति हो, सभी को वर्तमान में दिए जा रहे मूल वेतन या मानदेय पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी।

MBBS इंटर्न को रोजाना 500 रुपये मिलेंगे

कोविड अस्पतालों में आवश्यकतानुसार एमबीबीएस इंटर्न, एमएससी नर्सिंग छात्र-छात्राओं, बीएससी नर्सिंग छात्र-छात्राओं, एमबीबीएस अन्तिम वर्ष और जीएनएम छात्र-छात्राओं को भी हर दिन के हिसाब से काम करने का भुगतान किया जाएगा। एमबीबीएस इंटर्न को रोजाना 500 रुपये, एमएसएसी नर्सिंग छात्र-छात्राओं को रोजाना 400 रुपये, बीएससी नर्सिंग छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन 300 रुपये, एमबीबीएस अंतिम वर्ष और जीएनएम छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन 300 रुपये दिए जाएंगे। यह प्रोत्साहन राशि एक मई से 31 जुलाई तक लागू रहेगी। राजकीय चिकित्सालयों में कोविड-19 सैम्पल की जांच के लिए लैबों और उनसे संबंधित क्षेत्रों में तैनात किए जाने वाले मालिक्यूलर माइक्रो बायोलॉजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डाटा इंट्री आपरेटर, लैब अटेंडेंट को इनके मूल वेतन या मानदेय की राशि पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी।

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