जापान में जारी टोक्यो ओलंपिक खेलों के नौवें दिन जहां बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने कांस्य पदक अपने नाम किया तो, वहीं सोमवार को 10वें दिन भी भारत ने इन खेलों में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली। भारतीय महिला हॉकी टीम ने तीन बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर ओलंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में जगह बना ली। सिंधु व्यक्तिगत स्पर्धा में लगातार दो ओलंपिक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गई है। सिंधु और भारतीय महिला हॉकी टीम की इस उपलब्धि पर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में बधाई दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा के सदस्यों की ओर से सिंधु को बधाई देते हुए कहा,’ इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए सदन की ओर से मैं उन्हें बधाई देता हूं। मुझे उम्मीद है कि उनकी उपलब्धि इस देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी।’
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में सिंधु को बधाई देते हुए कहा, ‘ मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पीवी सिंधु ने ओलंपिक खेलों में बैडमिंटन महिला एकल में भारत के लिए कांस्य पदक जीता है। यह उनका लगातार दूसरा ओलंपिक पदक है। वह व्यक्तिगत स्पर्धाओं में दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं।’
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘ मैं पीवी सिंधु को टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिए बधाई देता हूं। अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया है।’
टोक्यो ओलंपिक खेलों के नौवें दिन सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेले गए मुकाबले में चीन की ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से मात दी। सिंधु ने चीन की खिलाड़ी के खिलाफ पहला सेट आसानी के साथ जीता, लेकिन दूसरे सेट में उन्हें जीतने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। इस जीत के साथ ही सिंधु भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं, जिन्होंने लगातार दो ओलंपिक खेलों में देश के लिए पदक जीता है।
भारतीय हॉकी टीम अपने पूल में साउथ अफ्रीका को आयरलैंड जैसी मजबूत टीमों को हराकर चौथे स्थान पर रही थी, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने अपने पूल में टॉप पर रहते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। टीम क्वार्टर फाइनल की शुरुआत से ही कंगारू टीम पर हावी नजर आई और एक के बाद गोल के मौके बनाए। टीम की ओर से मुकाबले के 22वें मिनट में गुरजीत कौर के हाथों सफलता लगी। गुरजीत ने पेनल्टी कॉर्नर पर मैच का पहला और एकमात्र गोल दागा। टीम इंडिया की गोलकीपर सविता ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया टीम के गोल करने के कई प्रयासों को विफल किया। भारतीय टीम मास्को ओलंपिक 1980 में चौथे स्थान पर रही थी लेकिन केवल छह टीमों ने हिस्सा लिया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे।