नई दिल्ली । नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि राजधानी में शादी समारोह हो या किसी भी तरह के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और वाणिज्यिक कार्यक्रमों के लिए पार्कों का इस्तेमाल नहीं हो। ट्रिब्यूनल ने इन समारोहों के लिए पार्कों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए यह निर्देश दिया है।
एनजीटी प्रमुख जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि इन आदेशों का उल्लंघन होने पर डीडीए और नगर निगम इसके लिए जिम्मेदार होंगे। पीठ ने डीपीसीसी को कानून के उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए सतर्कता बनाए रखने को कहा है। साथ ही पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए याचिकाकर्ता की शिकायतों के पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
पीठ ने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश और डीपीसीसी द्वारा इसे लागू करने के लिए जारी दिशा-निर्देशों के मद्देनजर, किसी भी पार्क में शादी, सामाजिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक या अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। साथ ही कहा कि आदेशों का उल्लंघन होने पर डीडीए और नगर निगमों के कार्यकारी अभियंता (बागवानी) जवाबदेह होगा। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि डीडीए और एमसीडी के बागवानी विभाग को इसे सख्ती से लागू करने की जरूरत है।
पीठ ने राजधानी में वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए पार्कों के अवैध और अनियमित उपयोग के खिलाफ बुधेला वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में विकास पुरी, दिल्ली में दशहरा ग्राउंड पार्क के वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए अवैध उपयोग के आरोप लगाते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि दशहरा ग्राउंड में विवाह समारोह हो रहे हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।