केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल में हैं। इस दौरान राजीनितक कार्यक्रमों के साथ-साथ उनकी विभागीय गतिविधियां भी देखने को मिल रही है। गृह मंत्री ने कल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के वरिष्ठ अधिकारियों के संग एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने बंगाल में आतंकी मॉड्यूल की जांच की प्रगति को लेकर रिपोर्ट ली। उन्होंने एनआईए से सीमा पार लश्कर-ए-तैयबा और अल कायदा जैसे आतंकवादी समूहों के नेटवर्क का पता लगाने को कहा।

एनआईए के अधिकारियों के साथ-साथ डीआईजी दीपक कुमार से शाह ने हाल के मामलों का विवरण मांगा। आपको बता दें कि सितंबर में एनआईए ने उत्तर 24 परगना के बदुरिया से लश्कर के एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। नवंबर में अल कायदा के एक “पाकिस्तान प्रायोजित मॉड्यूल” का भंडाफोड़ किया।

बैठक में शाह ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों में कट्टरपंथी इस्लामिक समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की भागीदारी के बारे में भी जानना चाहते हैं। उन्होंने एनआईए के अधिकारियों को राज्य में पीएफआई सदस्यों के आंदोलन पर नजर रखने के लिए कहा। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस महीने के अंत में प्रवर्तन निदेशालय ने पीएफआई के परिसर में राष्ट्रव्यापी छापे मारे थे। मुर्शिदाबाद और कोलकाता में भी इसके कार्यालयों की तलाशी ली गई। जबकि कई राज्यों ने गृह मंत्रालय से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

एनआईए की बैठक के बाद अमित शाह ने स्वामी विवेकानंद की जन्मभूमि का दौरा किया। यहां उन्होंने श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि अच्छे मुस्लिम लोगों को एक बात सोचनी चाहिए कि क्या इस्लामी आतंकवाद ने उनकी मदद की या उनकी विश्वसनीयता को नष्ट कर दिया।

पूर्वी मिदनापुर में अमित शाह ने बलिजुरी गांव में एक किसान के घर पर दोपहर का भोजन किया। इससे पहले उन्होंने एक रैली को संबोधित किया जो किसानों के बीच भाजपा के आउटरीच कार्यक्रम का हिस्सा है। भाजपा के बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ शाम में नए टाउन में एक होटल में नए शामिल सदस्यों के साथ पार्टी के राज्य पदाधिकारियों से मुलाकात की।

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