नई दिल्ली। भारी हंगामें के बीच कृषि से जुड़े दो विधेयक रविवार को राज्यसभा से भी पारित हो गए। ध्वनि मत के जरिए करवाई गई वोटिंग से पहले सदन में विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया और इन बिलों का जमकर विरोध किया। इसी बीच, राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जब केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जवाब दे रहे थे तो अभूतपूर्व हंगामा हुआ। माइक तोड़ा गया और कागज फाड़े गए। मतविभाजन की मांग और सदन की कार्यवाही टालने की मांग नही मानने पर विपक्ष के सांसदों ने किया हंगामा।
किसी समय क्विज़ मास्टर के रूप में ख्यातिप्राप्त टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने तो सारी मर्यादाओं को भंग करते हुए उपसभापति के आसन के सामने जाकर रूल बुक ही फाड दी। उपसभापति के सामने लगा माइक तोड़ा गया। अकारण उत्तेजित सांसदो ने तो कोरोना से बचाव के लिए अनिवार्य सोशल डिस्टेसिग भी तार तार कर दी।
कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने दोनों विधेयकों को पंजाब के किसानों के खिलाफ बताते हुए उन्हें प्रवर समिति में भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को पंजाब के किसानों को कमजोर नहीं समझना चाहिए। वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने दोनों विधेयकों को किसानों के हित में बताया और कहा कि इससे उन्हें बेहतर बाजार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान किसानों की ओर है और उनकी स्थिति में सुधार के लिए वह प्रयासरत है।
राज्यसभा में इन दो बिलों पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय तय किया गयाथा। इन बिलों को राज्यसभा में पेश करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होगा। इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा। वहीं इस बिल का समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और टीएमसी सांसद ने इसका विरोध किया। वहीं जेडीयू ने इस बिल का समर्थन किया है। कांग्रेस और बीजेपी ने राज्यसभा के अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है। राज्यसभा में एनडीए का बहुमत नहीं है। इसके साथ एनडीए के घटकदल शिरोमणि अकाली दल भी इन विधेयकों के खिलाफ है।
किसान संबंधी विधेयकों के राज्यसभा से पारित होने के बाद सदन को कल सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।