शामली। उत्तर प्रदेश के शामली जिले की शहर कोतवाली में एक महिला कांस्टेबल दुधमुंही बेटी के साथ अपने फर्ज को अंजाम देकर नारी शक्ति की अनूठी मिसाल पेश कर रही है।
बेटियों से बढ़कर अपने फर्ज को कोई भी अदा नहीं कर सकता। ऐसी ही एक बेटी हैं शामली कोतवाली की कांस्टेबल अंजू, जो असंभव को संभव बना रही है। छुट्टी न मिलने के कारण वह अपनी छह माह की दुधमुंही बेटी के साथ बाकायदा अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रही है।
शहर कोतवाली में महिला डेस्क पर तैनात अंजू अपनी छह माह की बेटी के साथ परेशानियों से जंग लड़ते हुए अपनी ड्यूटी कर रही हैं। अंजू दस साल से सर्विस कर रही है। छह माह पूर्व वह छह महीने के मातृत्व अवकाश पर गई थी। उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम वेदांशी रखा।
मातृत्व अवकाश खत्म होने के बाद बेटी को घर पर रखने वाला कोई नहीं था। ऐसे में अंजू के सामने बहुत बड़ी चुनौती खड़ी थी। कोई और होता तो शायद ड्यूटी को छोड़ देता, लेकिन अंजू ने हार नहीं मानी।
अंजू ने हौंसले का दामन पकड़ा और अपनी दुधमुंही बेटी के साथ ही ड्यूटी पर आना शुरू कर दिया। बच्ची का रोना, उसका परेशान करना, आदि बहुत सी दिक्कतों को झेलते हुए वह अपनी ड्यूटी को कर रही है।
कई महिला कांस्टेबल जरूरी कार्यों से अवकाश पर हैं, इसके चलते अंजू को छुट्टी नहीं मिल पा रही है, लेकिन वह बिना घबराये अपनी ड्यूटी को सही तरीके से अंजाम दे रही है। अंजू के हौसले की तारीफ आला अधिकारियों के साथ-साथ फरियादी भी करते नही थक रहे है।