प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन ने खेलों को लेकर ‘बहुत बड़ा प्रभाव’ पैदा किया है. उन्होंने देशवासियों से खेलों को लेकर पैदा हुई इस गति को ‘सबका प्रयास’ मंत्र के जरिए बनाए रखने का आह्वान किया. आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 80वीं कड़ी में देश और दुनिया के लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने खेल-कूद को पारिवारिक और सामाजिक जीवन में स्थायी बनाने और ऊर्जा से भरने पर जोर दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘इस बार ओलंपिक ने बहुत बड़ा प्रभाव पैदा किया है. अभी ओलंपिक के खेल समाप्त हुए हैं और पैरालम्पिक चल रहा है. खेल जगत में जो कुछ भी हुआ, वह विश्व की तुलना में भले ही कम है, लेकिन विश्वास पैदा करने के लिए बहुत अहम है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज युवा खेलों की तरफ न केवल देख रहा है, बल्कि वह इससे जुड़ी संभावनाओं की ओर भी देख रहा है और उसके सामर्थ्य को बहुत बारीकी से समझ भी रहा है व इससे खुद को जोड़ना भी चाहता है.”

उन्होंने कहा, ‘‘जब इतनी गति आई है और हर परिवार में खेलों को लेकर चर्चा शुरू हुई है तो आप ही बताइए कि क्या हमें इस गति को थमने देना चाहिए?…जी नहीं…अब देश में खेल और खेल-कूद एवं खेल भावना रूकना नहीं है. इस गति को पारिवारिक एवं सामजिक जीवन में स्थायी बनाना है और निरंतर ऊर्जा से भर देना है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘घर हो बाहर हो, गांव हो या शहर, हमारे मैदान भरे होने चाहिए. सब खेलें, सब खिलें. ‘सबका प्रयास’ के मंत्र से ही भारत खेलों में वह ऊंचाई प्राप्त कर सकेगा, जिसका वह हकदार है.’’

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खेल दिवस पर देशवासियों को बधाई दी और इस अवसर पर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित की. टोक्यो ओलंपिक में हॉकी में भारत के शानदार प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज मेजर ध्यानचंद की आत्मा जहां भी होगी, बहुत ही प्रसन्नता का अनुभव कर रही होगी. उन्होंने कहा कि भारत के नौजवानों और बेटे-बेटियों ने चार दशक बाद फिर से हॉकी में जान फूंक दी है.

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