वाराणसी। देश के कई राज्यों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले तेजी से सामने आते जा रहे हैं। संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते यूपी सरकार ने भी अलर्ट जारी किया है। बावजूद इसके ना तो आम जनता को इसकी परवाह है और ना ही राजनेता कोरोना गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। इसकी बानगी देखने को मिली वाराणसी में। यहाँ पर जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के नामांकन के दौरान सपा और भाजपा कार्यकर्ता कोरोना के खतरे को दावत देते हुए नजर आए। नामांकन के दौरान अधिकांश कार्यकर्ताओं के चेहरे पर ना तो मास्क था और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया।
यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए शनिवार 26 जून को नामांकन किया गया। वाराणसी में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए वाराणसी में शनिवार को समाजवादी पार्टी से चंदा यादव और भारतीय जनता पार्टी से पूनम मौर्या ने नामांकन किया। नामांकन के दौरान रायफल क्लब में भारी कड़ी व्यवस्था के साथ ही दलों की ओर से समर्थकों का भारी हुजूम भी उमड़ा। नामांकन से पूर्व सपा और भाजपा के उम्मीदवार अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आए। हालांकि उत्साह में कई लोग कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन भी करते दिखे। बीजेपी की ओर से कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह भी पहुंचे थे। नामांकन में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ाए जाने की खबर पर ज़ब उनसे प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने साफ कहा की जिला प्रशासन को ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए आज सुबह 11 बजे से नामांकन शुरू हुआ जो निर्धारित समय दोपहर तीन बजे राइफल क्लब बंद कर दिया गया। बता दें कि 29 जून को नाम वापसी होगी। तीन जुलाई को मतदान दोपहर तीन बजे तक होगा। इसी दिन मतगणना के बाद परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
जिला पंचायत के 40 सदस्य मतदान करेंगे। मतदान में वरीयता व्यवस्था लागू रहेगी। सपा और भाजपा नेताओं का दावा है कि उनकी ही पार्टी का प्रत्याशी अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा। संख्या बल जुटाने की गणित में जुटी भाजपा और सपा को क्रॉस वोटिंग का खतरा मंडरा रहा है।
क्रॉस वोटिंग की संभावना को समाप्त करने के लिए भाजपा और सपा के दिग्गज नेता रणनीति बनाने में जुट गए हैं। दोनों पार्टियों के नेता दो चार क्रॉस वोटिंग कराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। यही नहीं पार्टी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कुछ जिला पंचायत सदस्यों को अनुपस्थित कराने की भी तैयारी चल रही है।
एमएलसी और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में शिकस्त झेलने के बाद अब भाजपा किसी भी कीमत पर जिला पंचायत का चुनाव जीतना चाहती है। बता दें कि पिछले कार्यकाल में सपा की ओर से अपराजिता सोनकर ने जीत हासिल की थी, मगर प्रदेश की सत्ता बदलते ही उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।