नई दिल्ली । कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर उपद्रवियों पर अब पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। लाल किले पर हुई हिंसा के संबध में पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू और लक्खा सिंह सिधाना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में अभिनेता दीप सिद्धू और ‘गैंगस्टर’ से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना के नाम लिए हैं। बता दें कि किसान नेताओं ने भी दीप सिद्धू और लक्खा पर किसानों को भड़काने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है।
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सार्वजनिक संपत्ति को क्षति से रोकथाम अधिनियम और अन्य कानूनों की प्रासंगिक धाराओं के तहत उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया है। प्राथमिकी में प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों और अवशेष अधिनियम तथा शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों को भी जोड़ा गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि लाल किला कांड में दीप सिद्धू भी शामिल था। प्राथमिकी में नाम आने के बाद अब इन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि दिल्ली हिंसा मामले में अब तक 93 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली में हिंसा के बाद सख्त हुई पुलिस ने 25 मुकदमे दर्ज किए हैं जबकि दर्जनों लोगों को हिरासत में रखा गया है। राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत सात किसान नेताओं पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। उधर, हिंसा को शर्मनाक बताते हुए दो किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया है।
सात किसान नेता आरोपी:
अलीपुर थाने में योगेंद्र यादव समेत सात किसान नेताओं के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, महामारी अधिनियम और आपदा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। एसआई दीपक की शिकायत पर दर्ज शिकायत में पुलिस ने योगेंद्र यादव के अलावा, दर्शनपाल सिंह, जगजीत सिंह, राजेंद्र सिंह, गुमान सिंह चडूनी, बलबीर सिंह और सतनाम सिंह को समर्थकों के साथ आरोपी बनाया है। गाजीपुर में पुलिस ने भाकियू अध्यक्ष राकेश टिकैत और उनके समर्थकों पर भी एफआईआर दर्ज की है।
सीसीटीवी से तलाश:
पुलिस के मुताबिक, हिंसक घटनाओं में शामिल लोगों की तलाश के लिए सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली जा रही है। कोतवाली पुलिस ने लाल किला परिसर में हुई हिंसा को लेकर मारपीट, दंगा, लूटपाट, आर्म्स एक्ट, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने एवं प्राचीन महत्व की इमारतों की क्षति की धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मामले को स्पेशल सेल को सौंपने की तैयारी की जा रही है ताकि समग्रता से इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।