दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर निशाना बनाया जा रहा है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी में अरविंद केजरीवाल के पुराने सहयोगियों प्रशांत भूषण, आशुतोष और कुमार विश्वास ने भी उनको जम कर लताड़ा ।
प्रशांत भूषण ने अपने एक ट्वीट में केजरीवाल पर निशाना साधते हुए एक लेख में लिखी बातों को उद्धत किया “केजरीवाल अब आदर्श नहीं रह गए हैं, जो सही चीजों के लिए लड़ता था; जो राजनीति को बदलने के लिए राजनीति में उतरा था। लेकिन राजनीति ने ही उन्हें बदल दिया है। हैरानी की बात नहीं है कि दिल्ली दंगों के दौरान वह दिखाई नहीं दिए और ना ही न्याय के लिए खड़े हुए। अब वह सिर्फ राजनेता हैं, जिसके लिए वोट अहम हैं।”
आशुतोष ने अपने लेख में लिखा कि केजरीवाल को दिल्ली का सीएम होने के नाते हिंसा प्रभावित इलाकों में जाना चाहिए था। इससे स्थानीय लोगों को भरोसा मिलता, लेकिन उन्होंने घर बैठना उचित समझा।
आशुतोष ने लिखा कि केजरीवाल ने दंगों को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ कोई बयानबाजी भी नहीं की। कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की इजाजत देने के लिए भी आशुतोष ने केजरीवाल की आलोचना की।
कुमार विश्वास भी दिल्ली हिंसा को लेकर अरविंद केजरीवाल को निशाने पर ले चुके हैं। बीते दिनों कुमार विश्वास ने केजरीवाल के एक पुराने ट्वीट को रिट्वीट किया, जिसमें केजरीवाल ने दिल्ली में रेप की घटनाओं को लेकर तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित को ‘हेल्पलेस सीएम’ बताया था।
कुमार विश्वास तो केजरीवाल के खिलाफ खासे मुखर रहे हैं। बीते दिसंबर में जामिया में हुई हिंसा के बाद कुमार विश्वास ने एक ट्वीट कर परोक्ष रूप से केजरीवाल की आलोचना की थी। कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए केजरीवाल पर सत्ता के लिए देश, सेना, जनता, सिद्धांत, बच्चे, मां-बाप को भी दांव पर लगाने का आरोप लगाया था।