नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस पर आयोजित किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई जारी है। पुलिस एक के बाद एक कई एफआईआर दर्ज कर चुकी है, तो वहीं कई लोगों को हिरासत में भी लिया जा चुका है। किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी करना भी शुरू कर दिया है। इस सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने बुधवार देर रात किसान नेता दर्शन पाल सिंह को नोटिस जारी करके पूछा है कि आखिर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। पुलिस ने कहा है कि उन्होंने और अन्य किसान नेताओं ने ट्रैक्टर परेड के दौरान बेहद गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम किया। 

दर्शन पाल को जारी नोटिस में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि लाल किले पर हुई हिंसा अत्यधिक निंदनीय और राष्ट्र विरोधी थी। पुलिस ने दर्शन पाल को तीन दिनों के जरिए ई-मेल या फिर फैक्स के जरिए से जवाब देने के लिए कहा है। दिल्ली के डिप्टी पुलिस कमिश्नर चिन्मय बिस्वाल की साइन वाली इस चिट्ठी में दर्शन पाल को उन मुद्दों के बारे में बताया गया है, जिसपर किसान नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच सहमति बनी थी। इसमें परेड के समय, शांतिपूर्ण, किसान नेताओं द्वारा परेड का नेतृत्व करने समेत कई मुद्दे शामिल हैं। 

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि 26 जनवरी को 12 बजे के निर्धारित समय से पहले सिंघु बॉर्डर पर सुबह साढ़े सात बजे, टीकरी बॉर्डर पर पौने नौ बजे और गाजीपुर बॉर्डर पर साढ़े आठ बजे रैली निकाल दी गई। राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने का इंतजार करने के बजाए आपने काफी पहले ही परेड शुरू कर दी। प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली के आईटीओ, लालकिले, पंजाबीबाग समेत कई इलाकों में आ गए और हिंसक हो गए। जैसी की सहमति बनी थी, उसके विपरीत आपने परेड का नेतृत्व नहीं किया। वहीं, इस चिट्ठी में किसानों के पास हथियार, ट्रैक्टर के साथ ट्रॉली आदि होने की भी बात कही गई है।

‘हिंसा में शामिल थे किसान नेता, किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा’

इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान किसान नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए और हिंसा में भी शामिल रहे । इसके साथ ही पुलिस ने जोर दिया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। गौरतलब है कि इन घटनाओं में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एस. एन. श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान यूनियनों ने ट्रैक्टर परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया। परेड दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे के बीच होनी थी और उसमें 5,000 टैक्टरों को शामिल होना था। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने अत्यंत संयम दिखाया और कोई जनहानि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसान नेताओं से पूछताछ की जाएगी। 

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