नई दिल्‍ली। बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए शनिवार का दिन बहुत शुभ साबित हुआ है। लालू के दोनों बेटों और बेटी रोहिणी आचार्य की मुराद आज पूरी हो गई। झारखंड हाईकोर्ट ने राजद नेता लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में जमानत दे दी है। कोर्ट ने दुमका ट्रेजरी से फर्जी निकासी से जुड़े मामले में शनिवार को सुनवाई की। पूरा मामला साल 1995-96 से जुड़ा हुआ है। इस केस में लालू यादव के अलावा पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा सहित 30 और लोग आरोपी हैं।

बता दें चारा घोटाला के चार मामलों में साढ़े तीन साल से जेल की सजा काट रहे लालू यादव की जेल से रिहाई के लिए पूरा परिवार भगवान की शरण में था। नवरात्रि और रमजान के पवित्र माह में लालू यादव के बेटे जहां मां अंबे और भगवान शिव की आराधना कर रहे थे वहीं उनकी लालू की बेटी रोहिणी आचार्य रोजा रखा हैं। लालू प्रसाद यादव के बच्‍चे ये पूजा-पाठ और रोजा अपने पिता की अच्‍छी सेहत और जेल से जल्‍द रिहाई के लिए दुआ कर रहे थे।

लालू प्रसाद यादव को अब अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज होने के बाद नहीं जाना होगा जेल

लालू यादव को जमानत मिलने के बाद उनकी पत्‍नी राबड़ी देवी बेटे तेज प्रताप यादव, तेजस्‍वी यादव, बेटियां मीसा भारती, राजलक्ष्‍मी यादव और रोहिणी आचार्य कोर्ट के इस फैसले से उत्‍साहित हैं। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद लालू यादव को रांची की होटवार जेल नहीं जाना पड़ेगा। लालू यादव का दिल्‍ली एम्‍स में पिछले कई दिनों से भर्ती हैं जहां उनका इलाज चल रहा है।

बेटी रोहिणी रह रही थीं रोज़ा

रोहिणी ने ट्वीट कर बताया था कि अपने पिता लालू यादव की सेहत और जेल से रिहाई के लिए रोजा रख रही हैं। रोहिणी आचार्य ने लिखा था- रमज़ान का पाक महीना शुरू हो रहा है. इस साल हमने भी फैसला किया है कि पूरे महीने अपने पापा के सेहतयाबी और सलामती के लिए रोज़े रखूंगी। पापा की हालत में सुधार हो और जल्दी न्याय मिल सके इसकी भी दुआ करूंगी। साथ ही मुल्क में अमन चैन हो इसलिए ईश्वर/अल्लाह से इसकी कामना करूंगी। दूसरे ट्वीट में रोहिणी ने लिखा- चैती नवरात्र भी है, मेरे अंदर इतनी हिम्मत है कि मैं दोनों पावन पर्व पूरी निष्ठा के साथ पूरा कर सकती हूं। मुझे किसी जहरीले परवरिश की नफरती सोच से कोई फर्क नहीं पड़ता। आप सभी को चैती नवरात्र की भी हार्दिक शुभकामनाएं।

लालू को इस केस में मिली है जेल

गौतलब है कि ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से 13.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है। लालू के खिलाफ चारा घोटालों के मामले में 6 मामले दर्ज है, जिसमें से तीन मामलों में सजा सुनाई दी है। यह चौथा मामला है, जिसमें हाईकोर्ट से जमानत मिली है। लालू को चारा घोटाले के पहले मामले में साल 2013 में 5 साल की सजा सुनाई जा चुकी है।

लालू प्रसाद को इसलिए हुई थी जेल

बता दें बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव को वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारा घोटाला में जेल हुई थी। लालू यादव ने पशु चारा के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपये निकाला था इसी आरोप में वो सालों से जेल में सजा भुगत रहे हैं। जब ये घोटाला हुआ तो लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपये का है, जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा केस है। इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर 1997 को मुकदमा दर्ज किया था। इतनी बड़ी धनराशि के घोटाले संबंधी मामले में लगभग 20 साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया गया था। इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये अवैध ढंग से निकालने के चारा घोटाले के एक दूसरे केस में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है।

1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू यादव

गौरतलत हैं 71 वर्षीय लालू प्रसाद यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। बाद में उन्हें 2004 से 2009 तक केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मन्त्री का कार्यभार सौंपा गया। जबकि वे 15वीं लोक सभा में सारण (बिहार) से सांसद थे उन्हें बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने पांच साल कारावास की सजा सुनाई थी। 1997 में जब केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ चारा घोटाला मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया तो यादव को मुख्यमन्त्री पद से हटना पड़ा।अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सत्ता सौंपकर वे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष बन गये और अपरोक्ष रूप से सत्ता की कमान अपने हाथ में रखी थी।

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