वाशिंगटन (एजेंसी)। भारत और चीन की सेनाओं के बीच मध्य जून में गलवान में हुई हिंसक झड़प को अमेरिका ने चीन की सोची-समझी रणनीति और योजना का हिस्सा बताया है। अमेरिका के शीर्ष पैनल ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन की सरकार ने योजना बनाकर जून में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को अंजाम दिया। अमेरिका ने चीन की साजिश का खुलासा करते हुए कहा कि यह चीनी सरकार की योजना का हिस्सा थी।
गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। गलवान में हुई हिंसक झड़प के कई महीने बाद अमेरिका ने अपनी एक रिपोर्ट ‘यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन’ ने कहा है कि कुछ सबूतों से पता चलता है कि चीनी सरकार ने गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प की योजना बनाई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा संभावित रूप से घातक घटनाओं के लिए किया गया है।
चीन पर साजिश करने का आरोप !
रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2020 में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) और भारतीय सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लद्दाख क्षेत्र में गलवान घाटी में एक हिंसक झड़प हुई, जिसके बाद मई की शुरुआत में LAC के कई क्षेत्रों के पास दोनों देशों के बीच गतिरोध सामने आ गया। इस हिंसक झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए। चीन ने अपने जवानों की मौत की स्पष्ट संख्या नहीं बताई। 1975 के बाद पहली बार दोनों पक्षों के बीच लड़ाई में सैनिकों की जान गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ सबूतों से पता चलता है कि चीनी सरकार ने इस घटना की योजना बनाई थी, जिसमें संभावित रूप से जानलेवा हमले की संभावना भी शामिल थी। उदाहरण के लिए रक्षा मंत्री वेई से कई हफ्ते पहले अपने बयान में चीन को प्रोत्साहित करने के लिए स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए लड़ने का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
गौततलब है कि चीन और भारत की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में LAC के पास मई की शुरुआत से ही गतिरोध जारी है। एलएसी के पास स्थिति मध्य जून में उस वक्त खराब हो गई थी, जब गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गईं। 15-16 जून को सामने आई हिंसक घटना में बीस भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। यह पूर्वी लद्दाख में डी-एस्केलेशन के दौरान चीनी सैनिकों द्वारा एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने के प्रयास के परिणामस्वरूप हुआ।