केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीमों ने आज शनिवार सुबह श्रीनगर के पूर्व डीसी शाहिद इकबाल चौधरी के श्रीनगर स्थित सरकारी आवास समेत करीब 40 जगहों पर छापा मारा। सीबीआई की टामों ने ये छापे जम्मू, श्रीनगर, ऊधमपुर, राजौरी, अनंतनाग, बारामुला समेत दिल्ली में एक साथ मारे हैं। तुलसीबाग स्थित शाहिद चौधरी के सरकारी आवास सहित विभिन्न जगहों पर दलबल के साथ पहुंची सीबीआई टीमों ने तलाशी लेना शुरू कर दी।
सीबीआई ने ये छापे फर्जी गन लाइसेंस मामले में मारे हैं। सीबीआई काफी समय से फर्जी गन लाइसेंस मामले की जांच में जुटी हुई है। शाहिद चौधरी इस समय सेक्रेटरी (जनजातीय मामले) और सीईओ मिशन यूथ जम्मू-कश्मीर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने पहले कठुआ, रियासी, राजौरी और उधमपुर जिलों के उपायुक्त के रूप में भी कार्य किया। सीबीआई की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि उनके कार्यकाल के दौरान भी अन्य राज्यों के लोगों को कथित तौर पर फर्जी नामों से सैकड़ों लाइसेंस जारी किए गए।
राजौरी पहुंची सीबीआई की टीम ने सैलानी पुल के पास एक गन हाउस के रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी। टीम के सदस्य लगातार रिकॉर्ड की जांच कर रहे है। टीम ने गन हाउस का कुछ रिकॉर्ड जब्त भी कर लिया है। शाहिद इकबाल चौधरी राजौरी के भी डीसी रह चुके हैं। आपको बता दें कि सीबीआई करीब आठ पूर्व उपायुक्तों की इस मामले में जांच कर रही है।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 2012 के बाद से जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से दो लाख से अधिक बंदूक लाइसेंस जारी किए गए हैं। इसे भारत का सबसे बड़ा गन लाइसेंस रैकेट माना जाता है।
सीबीआई ने पिछले साल आईएएस अधिकारी राजीव रंजन समेत दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। राजीव रंजन और इतरत हुसैन रफीकी ने कुपवाड़ा जिले के उपायुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर अवैध रूप से ऐसे कई लाइसेंस जारी किए। फिलहाल सीबीआई की जांच जारी है।
जम्मू-कश्मीर में फर्जी गन लाइसेंस जारी करने की बात उजागर होने के बाद सरकार ने मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए इसकी जांच 2018 में सीबीआई को सौंपी थी। हालांकि इससे पहले इस मामले की जांच राजस्थान का आतंकवाद निरोधी दस्ता कर रहा था।
जांच में यह बात सामने आई कि जम्मू-कश्मीर के कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से कई गन लाइसेंस गैर जम्मू-कश्मीर निवासियों को भी दिए गए हैं, तो यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। आपको बता दें कि एटीएस को यह पक्के सबूत मिले थे कि जाली दस्तावेजों पर उधमपुर, डोडा, रामबन और कुपवाड़ा जिलों में गैर-जम्मू-कश्मीर निवासियों को दो लाख से अधिक फर्जी गन लाइसेंस जारी किए गए थे।