देश में पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस महामारी तबाही मचा रही है. इस साल अप्रैल-मई में महामारी की दूसरी लहर से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे, जिसके बाद मामलों में अब कमी आ रही है. लेकिन अब एक नया वायरस सामने आया है, जिसने लोगों के मन में भय पैदा कर दिया. इस वायरस का नाम जीका वायरस है. जीका वायरस के पहले मामले की पुष्टि केरल में हुई.

केरल में शुक्रवार को जीका वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 14 हो गए हैं, जिनमें 13 स्वास्थ्यकर्मी हैं. राष्ट्रीय विषाणु संस्थान की तरफ से 13 और मामलों की पुष्टि होने के बाद प्रदेश को अलर्ट कर दिया गया है. सभी 14 मामले तिरुवनंतपुरम से सामने आए हैं. राज्य में गुरुवार को 24 साल की गर्भवती महिला में मच्छर जनित इस बीमारी की पुष्टि हुई थी. ये प्रदेश में जीका वायरस का पहला मामला था. महिला ने 7 जुलाई को एक बच्चे को जन्म दिया था और अब दोनों की हालत स्थिर है.

राज्य सरकार के अनुसार संस्थान में जांच के लिए 19 सैंपल्स भेजे गए थे, जिनमें से 13 में इसकी पुष्टि हुई है, इसके लक्षण डेंगू की तरह है, जिसमें बुखार, चकत्ते के अलावा जोड़ों में दर्द होता है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि जीका संक्रमण की रोकथाम के लिए कार्रवाई योजना तैयार की गई है. राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को टेस्ट सुविधाओं से लैस करने का भी निर्णय लिया गया है. राज्य के सभी निजी अस्पतालों को भी जीका वायरस के किसी भी मामले का पता चलने पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है.

उधर केरल की तरफ से घोषणा किए जाने के एक दिन बाद कि जीका वायरस के 14 लोगों में से एक तमिलनाडु की सीमा से लगे एक शहर की 24 साल की गर्भवती महिला थी, इसके बाद से तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों, विशेष रूप से सीमा से लगे लोगों को निगरानी तेज करने के लिए कहा है. जीका वायरस से संक्रमित कई लोगों में लक्षण नहीं होंगे या केवल हल्के लक्षण होंगे. कुछ को बुखार, सिरदर्द, जोड़ों का दर्द, लाल आंखें और शरीर में दर्द हो सकता है.

लक्षण कई दिनों से लेकर एक हफ्ते तक रह सकते हैं. हालांकि अधिकांश लोग ठीक हो जाते हैं. स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा कि जीका के लिए कोई टीका नहीं है और इसलिए रोकथाम महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हम अलर्ट रह रहे हैं.

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