खुद को आईपीएस अफसर बताकर युवतियों को झांसा देने वाला युवक सोमवार को वाराणसी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसके खिलाफ एक युवती ने डेढ़ लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाकर कैंट थाने में केस दर्ज कराया था। आरोपी की शिनाख्त वाराणसी के ही रोहनिया के शाहंशाहपुर निवासी अखिलेश मिश्रा उर्फ अंकित के तौर पर हुई है। पुलिस के अनुसार नौकरी दिलाने, ठेके-पट्टे का काम कराने और लखनऊ-दिल्ली के बड़े अफसरों से काम कराने का झांसा देकर अखिलेश ने युवतियों समेत कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। 

कैंट थाना अंतर्गत खजुरी क्षेत्र की हाइट कालोनी में रहने वाली जया सिंह की मुलाकात भेलूपुर स्थित इस्कॉन मंदिर में बीते साल अखिलेश मिश्रा उर्फ अंकित से हुई थी। जया ने बताया कि मुलाकात में अखिलेश ने खुद को आईपीएस अफसर और रॉ में तैनात खुफिया एजेंट बताया था।

बातचीत आगे बढ़ी तो उनका एक काम कराने के लिए उनसे अखिलेश एक लाख 60 हजार रुपये लिया। अखिलेश ने मार्च 2020 में काम कराने को कहा था। इसके बाद लॉकडाउन लग गया था। जया फिर अखिलेश से संपर्क की तो वह टालमटोल करने लगा। हाल ही में एक दिन जया ने अखिलेश को फोन किया तो एक युवती ने कॉल रिसीव किया। 

उस युवती ने जया को बताया कि अखिलेश ने उसके साथ भी 50 हजार की धोखाधड़ी की है। पैसा वापस न करने पर वह उसका फोन रख ली है। इसके बाद जया ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत कैंट थाने की पुलिस से की। इस संबंध में इंस्पेक्टर कैंट राकेश सिंह ने बताया कि अखिलेश रवींद्रपुरी कॉलोनी में भी रहता था। सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से उसे चिन्हित कर चौकाघाट पुल के समीप से गिरफ्तार किया गया है।

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