सी के भिश्रा
वित्त विश्लेषक

बजट 2020 में वित्त मंत्री श्रीमती सीता निर्मला रमण ने बैंकों की खस्ता हालत वित्तीय स्थिति के बावजूद जमाधारको की राशि को पहले की तुलना ज्यादा सुरक्षित कर दिया। जैसा कि पता है कि 1 जनवरी 1968 में इसकी बीमा की सीमा ₹5000 हुआ करती थी जो 1 अप्रैल 1970 में 10,000 कर दी गई 1 जनवरी 1976 में ₹20000 कर दी गई 1 जनवरी 1980 को ₹30000 की गई और 1 मई 1993 को इसे बढा कर ₹100000 कर दिया गया था। पिछले 27 साल बाद गवर्नमेंट को फिर याद आया कि बैंक के दिवालिया होने की वजह से लोगों का पैसे चले जाते है इसीलिए 1 फरवरी के बजट में बीमा कि राशि को बढ़ाकर एक लाख से 5 लाख कर दिया और ये और भी सुरक्षित हो गई है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बीमा राशि बढ़ाने के लिए आदेश कर दिया था। अभी हाल में ही हुए पंजाब महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के गमन से लाखों लोगों की पैसे गायब हो गए जिसे प्रधानमंत्री ने बहुत ही संजीदा तरीके से लिया और वित्त मंत्री को यह सुझाव दिया कि भारत के लोगों की जमा पूरी राशि खत्म न होने पाए।

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