वाराणसी। लगता है कि 2022 यूपी विधान सभा में ध्रुवीकरण का मुद्दा अहम होगा। कल मुरादाबाद में सपा सांसद डा एस दी हसन ने जहा मुसलमानों से कहा आपसे इतनी अपील करना चाहता हूं कि चुनाव आने वाले हैं, अल्लाह के वास्ते इसमें बंट मत जाना. सिर्फ एक ही आपका मकसद होना चाहिए कि बीजेपी को हराना है।

सपाई सांसद की इस अपील के जवाब में योगी सरकार ने भी मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। यूपी के इतिहास में जो कभी नहीं हुआ वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में होने जा रहा है। प्रदेश ही नहीं देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब कोई सरकार किसी मंदिर में कैबिनेट बैठक करेगी। सूबे की योगी सरकार की कैबिनेट बैठक 16 दिसंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर में होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ ही दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डॉ दिनेश शर्मा सहित सभी मंत्री और अधिकारी मौजूद रहेंगे। आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में फिर से वापसी की कवायद में जुटी बीजेपी का यह मास्टरस्ट्रोक भी माना जा रहा है। क्योंकि सरकार ने यह सन्देश देने की कोशिश की है कि लखनऊ के बाद वारणासी प्रदेश की दूसरी राजधानी है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ज काशी विश्वनाथ धाम का 13:दिसंबर को शुभारंभ होना है। खुद प्रधानमंत्री इस परियोजना का लोकार्पण करेंगे। इस दिन को ख़ास बनाने के लिए योगी सरकार के साथ  ही अधिकारियों और बीजेपी संगठन ने खास योजना बनाई है। इस कार्यक्रम को बीजेपी जन जन तक पहुंचाने का कार्यक्रम बना रही है। लेकिन चुनाव से पहले पूर्वांचल को साधने के लिए योगी सरकार काशी विश्वनाथ धाम में कैबिनेट बैठक कर हिन्दुओं को एक बड़ा सन्देश देना चाहती है।

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