कोरोना महासंकट के बीच बदहाली और मजबूरी में अपने घर वापस जा रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए
सूबे की योगी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है।

सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि बाहर से आ रहे मजदूरों को एक हजार रुपए का भरणपोषण भत्ता दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए। हर परिवार को जरूरत के मुताबिक खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने टीम-11 के साथ होने वाली लॉकडाउन की समीक्षा बैठक में ये बातें कहीं।

आ अब लौट चलें

सीएम ने कहा कि प्रवासी कामगारों व श्रमिकों की सुरक्षित एवं सम्मानजनक ढंग से वापसी कराई जाए। कोई भी प्रवासी श्रमिक पैदल, दोपहिया वाहन आदि किसी भी असुरक्षित साधन से यात्रा न करे। इन्हें बस और ट्रेन जैसे सुरक्षित साधनों से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।

उन्होंने कहा कि गृह जनपद में क्वारंटाइन सेन्टर पर प्रवासी कामगार-श्रमिक की थर्मल स्कैनिंग की जाए। कोरोना की दृष्टि से संदिग्ध प्रवासी कामगार-श्रमिक की पूल टेस्टिंग के माध्यम से मेडिकल जांच भी की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग मास्क व फेस कवर लगाकर ही बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सप्लाई चेन के सुचारू संचालन व्यवस्था प्रभावी ढंग से जारी रहे। सभी 75 जनपदों में नामित किए गए आईएएस अधिकारी तथा वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी द्वारा क्वारंटाइन सेन्टर, शेल्टर होम और कम्युनिटी किचन की साफ-सफाई एवं सुरक्षा प्रबन्धों की निरंतर निगरानी करते हुए व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाए। होम क्वारंटाइन में रहने वाले प्रवासी कामगार,श्रमिक की निगरानी के लिए निगरानी समितियों के सर्विलांस कार्य को सुदृढ़ किया जाए।

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा अधिक से अधिक निगरानी समितियों से संवाद कर इनकी मॉनिटरिंग की जाए। बैठक में यह जानकारी दी गई कि सर्विलांस टीम द्वारा अब तक 03 करोड़ से अधिक लोगों को सर्वेक्षित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए अचार, पापड़ आदि की कम्युनिटी किचन में आपूर्ति की जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क तथा अंगौछा तैयार करने के कार्यों से जोड़ते हुए समूहों की आय में वृद्धि की जा सकती है।

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