निमोनिया बन रहा है covid मरीजों के लिए घातक|
सर्दी में निमोनिया को एक आम बीमारी मान लेना और समय पर इलाज नहीं लेना कोरोना महामारी के दौर में घातक साबित हो रहा है | निमोनिया के कारण मरीज के दोनों ही फेफड़ों के श्वसन की थैली में तरल पदार्थ या ड्रॉपलेट की नमी भरने की वजह से सूजन आ रही है, जिसके कारण ऐसे मरीजों को सांस लेने में गंभीर परेशानी आ रही है। यैसे में अगर कोरोना संक्रमण से भी अगर व्यक्ति ग्रसित होता है तो उसकी मुश्किलें और बढ़ जा रही हैं और निमोनिया के कारन ये इन्फेक्शन भी तेजी से फ़ैल रहा है |
बच्चों और बजुर्ग ज्यादा बन रहे हैं शिकार |
डॉक्टरों का अजय कहना है कि कि पांच साल की उम्र के बच्चों से लेकर बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने का कारण मुख्यत: निमोनिया का समय पर पता नहीं चलना सामने आ रहा है। जिसकी वजह से ही निमोनिया से पीड़ित होने वाले मरीजों को कोविड संक्रमित सबसे अधिक अटैक कर अपना शिकार बना रहा है। निमोनिया का प्रभाव शरीर में बढ़ते ही मरीज के फेफड़े सबसे अधिक संक्रमित होने के मामले अभी तक इलाज के दौरान सामने आ रहे हैं।
कब होती है कोविड की शुरुआत
कोविड एक्सपर्ट चिकित्सकों के अनुसार नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से होने वाले इंफेक्शन कोविड-19 की शुरुआत तब होती है, जब श्वसन बूंदों में मौजूद वायरस हमारे शरीर में मौजूद ऊपरी श्वसन पथ में प्रवेश करता है। जैसे-जैसे वायरस की संख्या बढने लगती है, इंफेक्शन फेफड़ों में मौजूद हवा की छोटी-छोटी थैलियों और आसपास के पार्ट्स को नुकसान पहुंचाता है। इस दौरान आपका इम्यून सिस्टम जैसे ही वायरस से लड़ना शुरू करता है, फेफड़ों में तरल पदार्थ और मृत कोशिकाओं की संख्या बढ़ने लगती है। इससे मरीज को सांस लेने में सबसे अधिक परेशानी होने के साथ मरीज का स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ने लगता है जो जान लेवा साबित हो रहा है |