देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कुछ दिनों से लगातार 2 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना की इस दूसरी लहर ने देशभर में तबाही मचा दी है। दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक सरकार की ओर से वीकेंड लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगाई जा रही है। आंशिक तौर पर लॉकडाउन जैसी स्थितियों के बीच लोग एक बार फिर से दहशत में हैं।

एक तरफ महामारी ने हल्कान कर रखा है, कोरोना से मौते हो रही हैं तो वहीं दूसरी ओर लोग लॉकडाउन की आहट से सशंकित हैं। अभी देश में पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया गया है, लेकिन कई राज्यों में दुकानें खोलने का समय सीमित कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश की करीब 57 फीसदी कोरोना के कारण लगाई गई पाबंदियों से प्रभावित है। इन तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं। तो क्या एक बार फिर से संपूर्ण लॉकडाउन ही विकल्प बचा है?

मीडिया रिपोर्ट में किया जा रहा दावा!

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक अंग्रेजी मीडिया वेबसाइट में लॉकडाउन को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि क्या केंद्र की मोदी सरकार पूरे देश में लॉकडाउन लगाने जा रही है। रिपोर्ट की पहली ही लाइन में कहा गया है कि कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देशभर में लॉकडाउन की घोषणा कर सकती है।

वेबसाइट पर रविवार की दोपहर करीब 12 बजे प्रकाशित इस रिपोर्ट का प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की फैक्ट चेक टीम ने खंडन किया है। रिपोर्ट प्रकाशित होने के करीब साढ़े 8 घंटे बाद #PIBFactCheck ने ट्वीट किया है, एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कोविड के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में सरकार लॉकडाउन लगा सकती है। यह दावा फर्जी है। यानी पीआईबी ने स्पष्ट किया है, फिलहाल देश में लॉकडाउन नहीं लगने जा रहा है।

गृहमंत्री अमित शाह ने क्या कहा?

जिस तरह से देश में कोरोना महामारी पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा, ऐसे में क्या सरकार के पास केवल लॉकडाउन ही विकल्प है? इस तरह की आशंका के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में जल्दबाजी में लॉकडाउन नहीं लगने जा रहा। फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार के दौरान जब गृहमंत्री से पूछा गया कि क्या पिछले साल की तरह इस साल भी लॉकडाउन ही विकल्प है, तो अमित शाह ने कहा- कोरोना नियंत्रण के लिए हम स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा कर रहे हैं। शुरुआत में लॉकडाउन का उद्देश्य अलग था, स्थितियां अलग थी। तब हमारे पास कोई वैक्सीन नहीं थी और हम बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और उपचार की रुपरेखा तैयार करना चाहते थे।

लड़ाई मुश्किल है, लेकिन जीत हमारी होगी!

गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि हम राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। इस बारे में आम सहमति जो भी हो, हम उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे। लेकिन ऐसे जल्दबाजी में लॉकडाउन करने जैसी स्थिति नहीं दिख रही है। उनसे पूछा गया- कोरोना की पहली लहर के दौरान कई पहल की गई थी, इमरजेंसी वाली चीजें अब क्यों नहीं?

इस पर शाह ने कहा कि यह सच नहीं है। मुख्यमंत्रियों के साथ दो बार बैठकें हुईं और मैं भी मौजूद रहा। राज्य के राज्यपालों के साथ भी एक बैठक हुई थी. स्टेकहोल्डर्स, विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों के साथ भी लगातार बैठकें हो रही हैं। कोरोना से लड़ने की तैयारी पूरी मुस्तैदी से की जा रही है। संक्रमण की रफ्तार इस बार अधिक है। लड़ाई मुश्किल है, लेकिन मुझे भरोसा है कि जीत हमारी होगी।

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