पश्चिम बंगाल के कांथी में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अधिकारी के खिलाफ यह केस टीएमसी की उस शिकायत के बाद दर्ज किया गया है जिसमें पार्टी ने आरोप लगाया है कि अधिकारी व उनके भाई ने नगरपालिका से राहत सामग्री की चोरी की है।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद विरोधी पार्टी बीजेपी और सत्ताधारी टीएमसी के बीच तनातनी देखने को मिली है। चुनाव से पहले टीएमसी को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी को करारी मात दी थी।

विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद राज्य और केंद्र के बीच मतभेद उस समय खुलकर सामने आ गया जब चक्रवात तूफान यास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में ममता शामिल नहीं हुईं। इस बैठक के बाद केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव रहे अलपन बंदोपाध्याय का दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था।

हालांकि, दिल्ली जाने से पहले ही अलपन ने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ममता बनर्जी ने एक और दांव चलते हुए अलपन को अपना मुख्य सलाहकार बना दिया। अलपन की ओर से जवाब मिलने के बाद भी केंद्र पीछे नहीं हटने की मूड में नहीं दिख रहा है। सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार अलपन के खिलाफ कोई एक्शन ले सकती है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय चुनाव परिणाम बाद ही उनके पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु अधिकारी की सुरक्षा बढ़ा दी है। मंत्रालय ने दोनों ही सांसदों को वाई प्लस (Y+) कैटेगरी की सुरक्षा देने की घोषणा की है। सीआरपीएफ के जवान इनकी सुरक्षा करेंगे। आपको बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले इन्होंने टीएमसी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था।

बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल हुई। वहीं, इस चुनाव में बीजेपी मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन का खाता तक नहीं खुला।

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