नई दिल्ली। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की गणतंत्र दिवस के दिन निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में जो कुछ हुआ वह दुनिया ने देखा। इस हिंसा के बाद जहां एक तरफ आंदोलन कमजोर पड़ता नजर आया तो वहीं अब किसान नेता भी नरम पड़ रहे हैं। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि सिंघु बॉर्डर पर विरोध कर रहे किसानों को भड़काने के लिए साजिश की गई थी, वे किसी भी हिंसा का नहीं बनते। इस दौरान राजेवाल ने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध में शामिल होने की अपील भी की।

भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. वे आज भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन ही कर रहे हैं। उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर जोर देते हुए कहा,  मैं लोगों से शांतिपूर्ण विरोध (दिल्ली में) में शामिल होने की अपील करता हूं, लेकिन भावनाओं के बहाने कुछ भी नहीं करना चाहिए अगर कोई आपको समझाने की कोशिश करता है। हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम युद्ध में नहीं जा रहे हैं। यह हमारा देश और हमारी सरकार है।”

बलबीर सिंह का ये बयान सिंघु बॉर्डर पर किसान और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिंसा के बाद आया जिसमें खुद को स्थानीय बताने वाले लोगों के समूह ने प्रदर्शनकारियों पर पथराव किया।

यह कहते हुए कि “स्थानीय लोग” किसानों के साथ थे, बलबीर सिंह ने आरोप लगाया कि सिंघु बॉर्डर पर हुई घटना के पीछे “भाजपा और आरएसएस के लोग” थे। “सरकार हमें हिंसा के लिए उकसाने की कोशिश कर रही है। हम किसी भी हिंसा में लिप्त नहीं होंगे। हम किसी भी हिंसा को रोकने के लिए सतर्क हैं।

तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान पिछले 66 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हुई है लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकला है। सरकार ने किसानों की दो मांगे मान ली है, लेकिन किसान कानूनों को निरस्त कराने की मांग पर अडिग हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here