वाराणसी। उत्तर प्रदेश सरकार 1 मई (शनिवार) यानि आज से 18 से 44 साल के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत कर दी है। पहले चरण के तहत उन सात जिलों में टीकाकरण की शुरुआत की गई जहां पर संक्रमण के नौ हजार से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं। इसके बाद अन्य जिलों में भी इस आयुवर्ग के लोगों के टीकाकरण की शुरुआत होगी। जिन जिलों में टीकाकरण की आज से शुरुआत हुई, उनमें लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ और बरेली शामिल हैं।
तो वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के शिवपुर स्वास्थ्य केंद्र पर शनिवार को पहले दिन ही दुर्व्यवस्था सामने आई। लिहाजा दुर्व्यवस्था का खामियाजा सूबे के स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रविन्द्र जायसवाल को भुगतना पड़ा।
दरसल, टीकाकरण अभियान का उद्घाटन करने पहुंचे मंत्री रविन्द्र जायसवाल से दुर्व्यवस्था को लेकर एक युवक भीड़ गया। हालांकि मंत्री जी ने युवाओं के गुस्सों को भांपते हुए शालीनता पूर्वक युवक से कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कोरोना संक्रमण काल में लोगों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। थोड़ी बहुत जो कमियां है उसे दूर कर ली जाएंगी। इसके बाद भी युवक की नाराजगी थमी नहीं। जिसको लेकर मंत्री के समर्थकों ने भी युवक का विरोध किया और उसे कुछ दूर तक दौड़ा लिया। इस दौरान मंत्री भी साथ में थे।
वहीं मंत्री ने युवक के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए बिना तामझाम के स्वास्थ्य केंद्र परिसर में भ्रमण किया। आम आदमी की तरह टीकाकेंद्र के काउंटर पर पहुंचकर कुछ जानकारियां मांगी। मौके पर कंप्यूटर की व्यवस्था नहीं होने की बात सामने आई। इसको लेकर वहां मौजूद सिस्टर से मंत्री ने पूछा तो सिस्टर ने एक बारगी बताने से इनकार कर दिया। कहा कि आप कौन होते हैं पूछने वाले।
हालांकि, बाद में पहुंचे चिकित्सक ने मंत्री को पहचान लिया और स्वास्थ्य केंद्र में फैली दुर्व्यवस्था को खोल कर रख दिया। कहा कि कंप्यूटर का इंतजाम नहीं होने से भेजी गई सूची के हिसाब से मैनुअल मिलान की जा रही है। इसमें थोड़ा वक्त लग रहा है। देर होने से लोगों की नाराजगी देखने को मिलेगी ही। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मी तैयार हैं। स्टाफ भी कम है। करीब 50 फीसद कर्मी बीमार हैं।
यह सुनकर मंत्री ने तत्काल सीएमओ डॉ वीबी सिंह व जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा से वार्ता की। शिवपुर स्वास्थ्य केंद्र पर कंप्यूटर का इंतजाम करने के लिए कहा। परिसर में लाइन लगाकर खड़े युवा लाभार्थियों को छांव के लिए टेंट लगाने का निर्देशित दिया। साथ ही सुझाव दिया कि एक स्वास्थ्य केंद्र पर जब 500 लोगों का टीकाकरण करना है तो 100-100 लाभार्थियों का स्लॉट बनाकर टीकाकरण करें। इससे फायदा यह होगा कि अपने स्लॉट के निर्धारित वक्त पर लाभार्थी स्वास्थ्य केंद्र पर आएगा। इससे भीड़ नहीं लगेगी जिससे व्यवस्था नहीं बिगड़ेगी।