नगर प्रतिनिधि
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गीर गाय भविष्य में उत्तर प्रदेश में पोषण की समस्या के समाधान के साथ किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगी। गीर गाय के संरक्षण, संवर्द्धन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बदलाव आएगा। वह बुधवार को शाहंशाहपुर स्थित गोशाला में ‘बनास से बनारस कार्यक्रम में गीर गाय वितरण समारोह को संबोधित कर रही थीं।
राज्यपाल ने कहा कि बनासकांठा के पिछड़ेपन को दूर करने में गीर गाय ने अहम भूमिका निभाई है। वे वहां की महिलाओं के सशक्तिकरण में भी सहायक बनी हैं। बनारस के गांव-गांव में भी गीर गाय के प्रसार से परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। इसका आगे पूरे उत्तर प्रदेश को लाभ होगा। उन्होंने किसानों से गीर गाय के संवद्धर्न की अपील की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने 14 किसानों को गीर गाय वितरित की। इनमें चार किसानों को सीधे और अन्य को प्रतीकात्मक रूप से गाय की जिम्मेदारी सौंपी। मंच पर डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के अलावा डीएम, एसएसपी और सीडीओ भी मौजूद थे। स्वागत बनास डेयरी के चेयरमैन शंकर चौधरी, धन्यवाद बनास डेयरी के एमडी संग्राम चौधरी एवं संचालन सन्तोष सिंह ने किया। इस मौके पर महापौर मृदुला जायसवाल, प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा, क्षेत्र अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, रामप्रकाश दुबे, नवरतन राठी, प्रवीण सिंह गौतम, सतीश पांडेय, श्रीनिकेतन मिश्र, पवन सिंह, डॉ. जेपी पाण्डेय, अरविन्द सिंह पटेल आदि मौजूद थे।
भगवान कृष्ण की गाय है गीर
राज्यपाल ने कहा कि भगवान कृष्ण मथुरा से द्वारका जाते समय जो गाय ले गये थे, वह गीर ही थी। अब वही गीर फिर से यूपी आ गई है। यह भगवान कृष्ण की गाय है। इसका महत्व किसी से छिपा नहीं है।
महादेव के साथ पार्वती की भी जय बोलिये
राज्यपाल ने महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए कहा कि महादेव जी अपने साथ पार्वती जी रखते हैं। आपलोग हर हर महादेव के साथ मां पार्वती की भी जयकार किया करिए। लोगों ने हर हर महादेव के साथ मां पार्वती का भी जयकारा लगाया।
परिवार में झगड़ेंगे तो दूध कम होगा
राज्यपाल ने कहा कि गीर अति संवेदनशील गाय है। इसे परिवार के सदस्य के रूप में पालना होगा। मां के रूप में सेवा करनी होगी। परिवार में झगड़े होने का असर भी गीर गाय की दूध देने की क्षमता पर पड़ेगा। इस कारण लोगों को प्रेम व्यवहार से रहना पड़ेगा।
प्रतिदिन 30 लीटर दूध का लक्ष्य
बनास डेयरी के चेयरमैन व गुजरात के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी ने कहा कि गीर गाय के संवद्धर्न के लिए शोध हो रहा है। अभी एक गाय 20 लीटर के आसपास दूध दे रही है। उनकी देखभाल के लिए गोशाला में दो वरिष्ठ पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि गीर गाय का प्रसार संस्कृति का प्रसार है।
राज्यपाल के साथ मंच साझा करना सपने जैसा
किसान अंबाश्री नीलम ने अपने गुजरात भ्रमण के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि मैंने इतना बड़ा मंच कभी साझा नहीं किया था। बनासकांठा का विकास गीर गाय के कारण हुआ है। बनारस में भी विकास होगा और महिलाओं को संबल मिलेगा।
इन किसानों को प्रतीकात्मक रूप से मिली गीर
नरसड़ा के मनोज कुमार यादव, जिऊत, शशिकांत वर्मा, धानापुर की रेनू चंद्रा, जक्खिनी के सौरभ कुमार सिंह, जितेंद्र कुमार मौर्य, मिल्कीपुर के संदीप गुप्ता, ढढोरपुर के नरेंद्र कुमार पाल, पनियरा के लक्ष्मी शंकर मिश्रा, अजय कुमार श्रीवास्तव, शहंशाहपुर के प्रतीक कुमार सिंह, दीपू भारद्वाज, विनीत कुमार सिंह। आराजी लाईन ब्लॉक के चार किसानों को राज्यपाल ने भौतिक रूप से गाय वितरित की। शहंशाहपुर के मुकेश सिंह, धानापुर की अंबा श्री नीलम, नरसड़ा के शिवशंकर सिंह व राकेश पाठक शामिल हैं। इन पशुपालकों ने कहा कि उन्हें सपनों की गाय मिलने से खुशी हुई है।