अमेरिका ने चीन पर गुपचुप तरीके से कम शक्ति वाले nuclear test परमाणु परीक्षण का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस तरह के विस्फोट पर प्रतिबंध की International Treaty अंतरराष्ट्रीय संधि के बावजूद चीन ने ऐसा कदम उठाया है। हालांकि चीन ने किसी भी परीक्षण से इनकार किया है। पहले trade war वार और फिर corona virus कोरोना वायरस के कारण अमेरिका और चीन के बीच जो तनाव की स्थिति पहले से ही बनी हुई थी, इस आरोप से उसमे और भी इजाफा हो गया।

तनातनी और गहराने की आशंका

अमेरिका का कहना है कि Wuhan वुहान में फैले इस वायरस को संभालने में चीन की लापरवाही के कारण ही दुनिया भर में इस pandemic महामारी का प्रकोप हुआ है। महामारी के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने को लेकर चीन कई बार नाराजगी जता चुका है। अब अमेरिका की ओर से nuclear test परमाणु परीक्षण के आरोप से यह तनातनी और गहराने की आशंका है। चीन के परमाणु परीक्षण करने की खबर सबसे पहले Wall Street Journal वाल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित हुई।

‘जीरो यील्ड’ मानक का कर रहा उल्‍लंघन

अमेरिका के विदेश विभाग का कहना है कि चीन के लोप न्यूर परमाणु परीक्षण केंद्र की गतिविधियों से इस बात की आशंका गहराई है कि चीन zero yield ‘जीरो यील्ड’ मानक का उल्लंघन कर रहा है। जीरो यील्ड के तहत ऐसे परमाणु परीक्षण की अनुमति है, जिसमें कोई explosive chain reaction एक्स्प्लोसिव चेन रिएक्शन नहीं होता है। रिपोर्ट में परीक्षण का कोई प्रमाण दिए बिना कहा गया है, ‘सालभर लोप न्यूर परीक्षण केंद्र के आसपास की गतिविधियां और चीन की ओर से transparency पारदर्शिता की कमी से इस बात की आशंका गहरा गई है कि चीन जीरो यील्ड मानक का उल्लंघन कर रहा है।’

पारदर्शिता को प्रभावित करता रहा है चीन

साल 1996 में nuclear weapons परमाणु हथियारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए comprehensive test ban treaty कंप्रेहेंसिव टेस्ट बैन ट्रीटी (सीटीबीटी) हुई थी। चीन संधि के अनुपालन पर नजर रखने वाले monitoring centre मॉनिटरिंग सेंटर के sensor सेंसर तक पहुंचने वाले data block डाटा ब्लॉक करने जैसे कदम उठाकर पारदर्शिता को प्रभावित करता रहा है। CTBT Organisation सीटीबीटी ऑर्गनाइजेशन के प्रवक्ता कहना है कि 2018 में चीन में लगे पांच सेंसर को मिलने वाले डाटा में बाधा आनी शुरू हुई थी। हालांकि अगस्त, 2019 से इस डाटा में कोई बाधा नहीं आई है।

चीन ने कहा, नियम मानने को प्रतिबद्ध

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन परमाणु परीक्षणों पर रोक के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘चीन ने हमेशा जिम्मेदारी से काम किया है और अंतरराष्ट्रीय मानकों और अपने किए वादे का दृढ़ता से पालन करता है।’ गौरतलब है कि चीन पर कोरोना वायरस को लेकर जानकारी छिपाने के भी आरोप लग रहे हैं। ऐसे में परमाणु परीक्षण की खबर उसके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। 

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