अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव को लेकर कहा कि- मैं आसानी से जायज वोटों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर जीत दर्ज करूंगा। लेकिन जिस वक्त ऑब्जर्वर्स को किसी भी तरह से, आकार या रूप में, अपना काम करने की अनुमति नहीं दी गई थी उस अवधि के दौरान स्वीकार किए गए वोटों को अवैध वोट माना जाना चाहिए। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट को इसपर फैसला लेना चाहिए।
दरअसल, अमेरिका में दो तरीकों से मतदान किया जा सकता है। एक इलेक्शन डे वाले दिन पोलिंग बूथ पर पहुंचकर और दूसरा मेल के जरिए यानी वोट को पोस्ट करके। इसके लिए हर राज्य में अलग नियम हैं और हर राज्य अपने हिसाब से तारीखों का ऐलान करता है। जो भी व्यक्ति मेल इन के जरिए वोट डालना चाहता है, उसे पहले ही रजिस्ट्रेशन करना होता है।
काउंटिंग जब शुरू हुई तो सबसे पहले वो वोट गिने गए जो 3 नवंबर को डाले गए थे। उसके बाद मेल इन वोटों की गिनती शुरू हुई। अब डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि क्योंकि शुरुआत में वो जीत रहे थे, लेकिन जब मेल-इन वोट खुलने लगे तो बाइडेन बढ़त बनाने लगे।
गौरतलब है कि डेमोक्रेट्स पार्टी की ओर से लगातार अपने समर्थकों और वोटरों से कहा गया कि वे मेल के जरिए वोट डालना शुरू कर दें। एक महीने पहले जब मेल द्वारा वोटों को भेजना शुरू किया गया तो बड़ी संख्या में डेमोक्रेट्स समर्थकों ने अपना मत डालना शुरू किया और यही कारण है कि अब जब मेल-इन वोट खुलने लगे हैं तो नतीजे डेमोक्रेट्स के पक्ष में जाना शुरू हो गए हैं। यही कारण है कि डोनाल्ड ट्रंप ने काउंटिंग में घोटाला होने का आरोप लगाया है और नतीजों को मानने से लगभग इनकार कर दिया है।