उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अब भी अधिकतर गांव कोविड संक्रमण से बचे हुए हैं। अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को बताया कि निगरानी समितियों के सर्वे में 68% गांवों में कोविड संक्रमण नहीं मिला है। समितियों ने अब तक 89,512 गांवों में सर्वे किया है। इनमें 8,742 गांवों में संक्रमण मिला है, जबकि 60,770 गांवों में कोरोना के केस नहीं मिले।
प्रसाद ने बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटों में 2.79 लाख से अधिक सैंपल जांचे गए हैं। इसमें 8,737 नए केस आए हैं, जबकि 21,107 लोग डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश में अब तक कुल टेस्ट की संख्या 4.52 करोड़ से अधिक हो गई है। रिकवरी रेट भी बढ़कर 90.60% हो गया है, जबकि पॉजिटिविटी रेट घटकर 3.20% हो गया है। प्रदेश में कुल ऐक्टिव केस घटकर 1.36 लाख हो गए हैं। इनमें 99,891 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। 30 अप्रैल के मुकाबले में ऐक्टिव केस 56% कम हुए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में भी केस घट रहे हैं। बीते 24 घंटों में 2,63,533 नए मरीज मिले हैं। लगातार दूसरे दिन ये आंकड़ा तीन लाख से कम रहा। मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा कि हमने संक्रमण को काफी हद तक रोका है। देश की करीब 2 पर्सेंट आबादी ही कोविड-19 से संक्रमित हुई है। जिन राज्यों में 1 लाख से ज्यादा ऐक्टिव केस हैं उनकी संख्या भी कम हुई है। अब 8 राज्यों में ही 1 लाख से अधिक ऐक्टिव केस हैं। गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश इस लिस्ट से बाहर आ गए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग ने मंगलवार को दावा किया कि चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना से केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई है। विभाग का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलों से रिपोर्ट मांगी थी, उसमें अभी यही संख्या आई है। इससे पहले, शिक्षक संगठनों ने बेसिक से जुड़े 1,621 शिक्षक-कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान संक्रमण से मौत का दावा किया था।
विभाग के अनुसार आयोग की गाइडलाइंस में चुनाव ड्यूटी मतदान/मतगणना प्रशिक्षण और मतदान/मतगणना ड्यूटी खत्म कर घर पहुंचने तक मान्य है। इस अवधि में मौत पर अनुग्रह राशि दी जाती है। विभाग के दावे पर यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह ने कहा, ‘यह मरने वाले शिक्षक-कर्मचारियों के परिजन के साथ मजाक है। मेरे जिले शाहजहांपुर में ही 24 मौतें चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमण के चलते हुईं।’