उत्तर प्रदेश में योगी केबिनेट के विस्तार को लेकर अटकलें तेज हो गई है। इसी सियासी हलचल के बीच संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोल लखनऊ पहुंचे है। यहां वो विश्व संवाद केंद्र में बैठक की। उन्होंने संघ के बड़े नेताओं से बैठक के दौरान यूपी की गतिविधियों का फीडबैक लिया।

दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद अचानक उनके लखनऊ पहुंचने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यह उनका सामान्य दौरा है, चूंकि उनका केंद्र लखनऊ है, इस वजह से वह राजधानी आते-जाते रहते हैं।

दत्रात्रेय होसबोले मार्च में आरएसएस के सरकार्यवाह बनाए गए हैं। इससे पहले वह 2009 से सहसरकार्यवाह की भूमिका में थे। होसबोले का केंद्र लखनऊ है और वह देशभर में अपने प्रवास के बाद लखनऊ ही रुकते हैं। यहां राजेंद्र नगर में भारती भवन उनका आवास रहता है। मंगलवार को जब वह यहां पहुंचे तो इसके बाद उन्होंने संघ के नेताओं से यूपी को लेकर बातचीत की।

खासतौर पर कोरोना संकट के दौरान संघ कार्यकर्ताओं की मदद, वर्तमान माहौल और दिक्कतों पर, उन्होंने फीडबैक लिया। हालांकि इस दौरान उन्होंने सीधे तौर पर किसी भी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं की, पर उनके आने के बाद इसके कयास लगने शुरू हो गए हैं कि यूपी में संगठन और सरकार में परिवर्तन पर मंथन हो रहा है।

संघ के एक बड़े पदाधिकारी ने बताया कि सरकार्यवाह का प्रोटोकॉल संघ में बड़ा होता है, वह केवल पहले से तय संघ या सामाजिक कार्यक्रमों में जाते हैं। वह किसी राजनीतिक व्यक्ति से मिलने नहीं जाते हैं पर अगर उनसे किसी को मिलना है तो वह खुद समय लेकर भारती भवन आ जाता है। यह पूरी तरह से औपचारिक होता है।

यूपी में जून में बीजेपी संगठन और सरकार में बदलाव हो सकते हैं। हाल ही में दिल्ली में संघ और बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ हुई बैठक में इस पर मंथन हुआ है। खासतौर पर पंचायत चुनावों में अपेक्षित परिणाम न मिलने के बाद इसकी संभावना बढ़ गई है। फिलहाल इस बारे में अभी बीजेपी या सरकार की ओर से कोई बोलने को तैयार नहीं है।

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