सौ से ज्यादा नमाजियों की मौत, मस्जिद खून सें रंग गयी
न्यूयार्क ( एजेंसी) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अफगानिस्तान के एक शिया मस्जिद में हुए हमले की निंदा की है। शुक्रवार को उत्तरी कुंदुज प्रांत में हुए घातक हमले की निंदा करते हुए परिषद ने कहा कि अपराधियों, आयोजकों, फाइनेंसरों और आतंकवाद के प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता है। बता दें कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने 8 अक्टूबर 2021 को अफगानिस्तान के कुंदूज की मस्जिद में हुए नृशंस और कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए यह बयान दिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की है। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने फिर से कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।
गौरतलब है कि कुंदूज शहर स्थित मस्जिद के भीतर हुए बम विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने ली है। इस हमले में सौ से ज्यादा लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। शुक्रवार को दोपहर के समय जब विस्फोट हुआ तब इलाके में रहने वाले शिया मुसलमान बड़ी संख्या में नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में आए हुए थे। तेज आवाज के साथ हुए विस्फोट के बाद मस्जिद धुएं से भर गई और चीख-पुकार मच गई। धुंआ छंटने पर जब आसपास के लोग मस्जिद के भीतर पहुंचे तो खून से रंगी धरती पर मानव अंग बिखरे पड़े थे, तमाम घायल मदद के लिए लोगों को पुकार रहे थे।
विस्फोट को अंजाम देने वाले की पहचान उइगर मुस्लिम के तौर पर की गई। इसमें कहा गया है कि हमले में तालिबान व शिया मुसलमानों को निशाने पर लिया गया क्योंकि ये चीन का साथ देते हुए उइगर समुदाय को निकालना चाहते हैं। यह बयान IS की न्यूज एजेंसी आमाक की ओर से जारी हुआ ह
IS ने काबुल में दो घातक बम विस्फोटों की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें से एक 26 अगस्त वाला काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुआ भयावह हमला है जिसमें 169 अफगानी और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। इसके अलावा रविवार को काबुल ईदगाह मस्जिद के बाहर हुआ बम विस्फोट है जिसमें पांच आम नागरिक मारे गए थे। इसके अलावा बुधवार को मदरसा को निशाना बनाया गया था हालांकि आइएस ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली थी।
आज कुंदुज में सैयदाबाद मस्जिद पर हुए आतंकी हमले की मानवाधिकार आयोग ने निंदा की। आयोग ने इस हमले को शिया व हजारा समुदायों को निशाना बनाने की बात कही। आयोग ने चिंता जाहिर की और कहा कि इस समुदाय की सुरक्षा के लिए कोई सुनियोजित इंतजाम नहीं है। मस्जिद में शिया मुस्लिम नमाज पढ़ने को जमा थे जब बम विस्फोट हुआ। यह एक सप्ताह में तीसरी बार धार्मिक स्थल को निशाना बनाने की घटना है। इसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हैं। इस विस्फोट के कारण मस्जिद क्षतिग्रस्त हो गयी है। अब IS अफगानिस्तान के नार्दर्न सेंट्रल एशियाई पड़ोसियों और रूस के लिए चिंता का विषय बन गया है जो सालों से तालिबान की वकालत करते आ रहे हैं।
अमेरिका और तालिबान के बीच अफगानिस्तान में 20 सालों तक जंग चलती रही। इसके बाद अगस्त में जब विदेशी सैनिकों ने वापसी का फैसला लिया काबुल में तालिबानी हुकूमत की शुरुआत हो गई। लेकिन अब इस्लामिक स्टेट (खोरासान) की ओर से तालिबान को चुनौतियां मिलने लगी हैं। हाल में ही अफगानिस्तान के एक पत्रकार बिलाल सरवरी ने ट्वीट में दावा किया था कि तालिबानी सूत्रों के अनुसार अफगान के हर प्रांत में IS ने अपने गवर्नर, सैन्य कमांडर और जिलों में भी गवर्नर तैनात कर दिए हैं। यही हाल पूरे देश में है।