भोपाल(एजेंसी) । कांग्रेस की पंजाब इकाई में मचे सियासी घमासान के बीच पार्टी नेता दिग्‍विजय सिंह ने राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ और भाजपा की तारीफ की है। वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि कैसे अमित शाह और आरएसएस कार्यकर्ताओं ने चार साल पहले ‘नर्मदा परिक्रमा यात्रा’ के दौरान उनकी मदद की थी। ऐसे समय जब पंजाब कांग्रेस में सियासी घमासान मचा है दिग्विजय का यह बयान चौंकाने वाला है… इसकी दूसरी वजह यह भी है कि दिग्विजय सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कट्टर आलोचकों में शुमार हैं।

शाह ने की मदद

भोपाल में एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि साल 2017 में नर्मदा परिक्रमा में जिन दिनों जब हम गुजरात से निकल रहे थे तब गुजरात के विधानसभा चुनाव चल रहे थे। उन जंगलों में गुजरने के लिए रास्ता और ठहरने की व्यवस्था नहीं थी। उस समय एक वन अधिकारी मेरे पास आए और उन्होंने कहा कि मुझे अमित शाह जी के निर्देश हैं कि पूरे समय हम आपका सहयोग करें। संघ और भाजपा के मुखर विरोधी वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि आज तक मेरी और अमित शाह की भेंट नहीं हुई है।  

असल राजनीतिक सामंजस्य का प्रमाण

भोपाल में नर्मदा परिक्रमा पर लिखी एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह ने कहा कि शाह ने हमारी मदद करने के निर्देश तब दिए थे जब गुजरात में चुनाव चल रहे थे। यह जानते हुए कि दिग्विजय उनके सबसे बड़े आलोचक हैं उन्होंने (शाह) सुनिश्चित किया कि हमारी यात्रा के दौरान कोई भी समस्या ना पैदा होने पाए। उन्होंने पहाड़ों के रास्ते हमारे लिए रास्ता खोजा और हम सभी के लिए भोजन की व्यवस्था भी की। दिग्‍व‍िजय ने आगे कहा कि यह असल राजनीतिक सामंजस्य और मित्रता का प्रमाण है जिसे हम कभी-कभी भूल जाते हैं।

संघ के कार्यकर्ता भी मुझसे मिलते रहे

दिग्विजय सिंह यही नहीं रुके उन्‍होंने आगे कहा कि हालांकि मैं आरएसएस का घोर आलोचक हूं लेकिन यात्रा के दौरान राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता भी मुझसे मिलते रहे। उस समय मैंने आरएसएस के स्‍वयं सेवकों से पूछा था कि आप सब मेरे लिए इतनी परेशानी क्यों उठा रहे हैं तब उन्होंने मुझे बताया कि उनको मुझसे मिलने का आदेश मिला है। जब हम भरूच क्षेत्र से गुजर रहे थे तब आरएसएस कार्यकर्ताओं ने एक दिन मांझी समाज धर्मशाला में हम सबके लिए ठहरने की व्यवस्था की थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस हाल में हमें ठहराया गया था उसकी दीवारों पर आरएसएस के दिग्गजों केशव बलिराम हेडगेवार और माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की तस्वीरें लगी थीं। 

सभी का डीएनए एक तो फिर किस बात का झगड़ा

दिग्विजय ने अमित शाह सहित उन सभी लोगों का आभार माना, जिन्होंने यात्रा के दौरान सहयोग किया था। कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि जब संघ प्रमुख ने कह दिया कि सभी का डीएनए एक है तो फिर झगड़ा किस बात का है।

यात्रियों को भूखा नहीं रहने देते ग्रामीण

दिग्विजय ने कहा कि नर्मदा तट पर रहने वाले लोगों का सेवाभाव इस प्रकार का है कि भले ही उनके यहां खाने को नहीं हो, लेकिन वे परिक्रमा करने वाले यात्रियों को भूखा नहीं रहने देते हैं। उनकी पत्नी अमृता राय ने कहा कि यह यात्रा अपने भीतर कुछ तलाशने की वजह बनी। मालूम हो, ‘नर्मदा के पथिक’ नाम से प्रकाशित यह पुस्तक ओमप्रकाश शर्मा ने लिखी है। पुस्तक के प्रकाशक पंकज सुबीर ने घोषणा की है कि पुस्तक की बिक्री से होने वाली आय का पांच फीसद हिस्सा पर्यावरण संरक्षण के लिए दिया जाएगा।