नई दिल्ली । केंद्र सरकार की ओर से ट्विटर को पाकिस्तानी और खालिस्तानी समर्थकों से संबंधित 1178 अकाउंट्स बंद करने के आदेश पर ट्विटर ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा है कि ट्वीट को जारी रखना चाहिए। हालांकि, ट्विटर ने साफतौर पर यह नहीं कहा है कि वो सरकार की ओर से दिए गए एकाउंट को बंद करेगा या नहीं।
एक बयान में कंपनी ने यह भी कहा है कि उसके लिए कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ बैठक के लिए कहा है। ट्विटर ने कहा कि हम औपचारिक बातचीत के लिए मंत्री के पास जाएंगे।
ट्विटर ने कहा कि हम सरकार की ओर से मिलने वाली रिपोर्ट की जल्द से जल्द समीक्षा करते हैं और इस तरह की रिपोर्टों पर उचित कार्रवाई करते हैं साथ में हम अपने मौलिक मूल्यों और पब्लिक में होने वाली बातचीत की सुरक्षा के प्रति प्रतिबंद्धता रखते हैं। जो भी अपडेट होते हैं उसको खुद के द्वारा स्थापित चैनल के माध्यम से सरकार से बातचीत करते हैं। ट्विटर ने आगे कहा कि हम यह मानते हैं कि सूचना के खुले और मुक्त आदान-प्रदान का सकारात्मक वैश्विक प्रभाव पड़ता है और ट्वीट को जारी रखना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने चार फरवरी को इन ट्विटर अकाउंट की एक सूची साझा की थी। सूत्रों के अनुसार इन अकाउंट की पहचान सुरक्षा एजेंसियों ने खालिस्तान समर्थक या पाकिस्तान द्वारा समर्थित और विदेशी धरती से संचालित होने वाले अकाउंट के तौर पर की थी, जिनसे किसान आंदोलन के दौरान सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा है।
सूत्रों ने कहा कि इनमें से कई खाते ‘आटोमेटेड बॉट थे जिनका इस्तेमाल किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर गलत सूचना और उत्तेजक सामग्री साझा करने के लिए किया जा रहा था। सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने अभी तक नवीनतम आदेश का अनुपालन नहीं किया है। इससे पहले, सरकार ने ट्विटर को उन ‘हैंडल और ‘हैशटैग को हटाने का आदेश दिया था जिसमें दावा किया गया था कि किसान नरसंहार की योजना बनाई जा रही है। सरकार ने कहा था कि इस तरह की गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करेगी।