राज्यमंत्री डा नीलकंठ तिवारी ने भ्रांतियाँ दूर की

वाराणसी। आश्रय सेवा संस्थान के तत्वावधान में अस्सी घाट स्थित सुबह-ए-बनारस मंच पर शनिवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में जबरदस्त हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ नीलकंठ तिवारी ने प्रथम हस्ताक्षर करते हुए किया। 

नागरिकता अधिनियम किसी भी भारतीय की नागरिकता पर सवाल नहीं खड़ा करता

अभियान की शुरुआत करते हुए डॉ तिवारी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रति व्याप्त भ्रांतियों को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कानून किसी भी भारतीय (हिन्दू,मुसलमान अथवा किसी भी पंथ,धर्म अथवा सम्प्रदाय को मानने वाले) की नागरिकता पर सवाल नहीं खड़ा करता अपितु पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने की बात करता है। अपनी बात को आगे बढ़ते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा के इन देशों में अल्पसंख्यकों के ऊपर हुए तरह-तरह के अत्याचार जैसे जबरन बेटियों की शादी और धर्म परिवर्तन, अल्पसंख्यक महिलाओं और बच्चों का शोषण, व्यापार अथवा अपनी आजीविका चलाने पर भी संकट से त्रस्त लोग, जो साल 2014 तक भारत में शरणार्थी के रूप में हैं, को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगी। अपने संबोधन के अंत में नीलकंठ तिवारी ने काशीवासियों से अपील करते हुए कहा कि सभी भारी संख्या में हस्ताक्षर कर इस अभियान को सफल बनाए ताकि इसकी आवाज दिल्ली तक सुनाई दे।

इस मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी डॉ वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस वक्त हमें अपने आपसी भेदभाव एवं वैमनस्य को दरकिनार करके एक मत से नागरिकता संशोधन अधिनियम का समर्थन करना चाहिए और देशहित में इस विषय पर समाज में व्याप्त तमाम भ्रांतियों को भी अपने स्तर से दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।

इस अवसर पर प्रमोद मिश्रा, अवधेश पांडेय, संजय सिंह, डॉ मनोज सिंह काका, विमलेश सिंह, अशोक अग्रहरि, राजेश चौरसिया, राजन चौरसिया, शिवम सिंह, आयुष सिंह, प्रकाश गौतम, भूपेन्द्र प्रताप सिंह रिंटू आदि तमाम लोग उपस्थित रहें।

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