तीन दिवसीय सम्मेलन आज से

नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर बुधवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन में क्षेत्र में उभरती समुद्री सुरक्षा संरचना और पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि सम्मेलन का प्रमुख जोर भारतीय नौसेना की तैयारियों के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के सुरक्षा हितों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करना होगा, जहां चीन तेजी से अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है। 

भारतीय नौसेना ने सीमा विवाद बढ़ने के बाद चीन को स्पष्ट संदेश देने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में अपने कई युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती की है।

भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा, ”यह सम्मेलन हमारी उत्तरी सीमाओं पर हाल की घटनाओं और कोविड-19 के चलते उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौतियों की पृष्ठभूमि में अधिक महत्व रखता है।” इसमें कहा गया है कि नौसेना के कमांडर सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के साथ ही दक्षता में सुधार करने के लिए नौसेना में कार्यात्मक पुनर्गठन पर भी विचार-विमर्श करेंगे। साथ ही सम्मेलन में हिंद-प्रशांत में बड़ी सुरक्षा जरूरतों पर भी चर्चा होगी।

कमांडर-इन-चीफ के साथ चीफ आफ नेवल स्टाफ नौसेना में संचालन, साजोसामान, मानव संसाधन, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे जो वर्ष के दौरान हुई हैं और भविष्य के कदमों पर भी विचार-विमर्श करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं।

यह डिपोर्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए) बनाये जाने और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) पद सृजित किये जाने के बाद नौसेना कमांडरों का होने वाला पहला सम्मेलन है।